अधिकतर व्यक्ति धन और सफलता की चाह रखते हैं। ऐसी बहुत-सी प्रबंधन पुस्तकें हैं जो इस बात की सैद्धान्तिक तथा तकनीकी जानकारी देती हैं कि धनी और सफल कैसे बना जाए। ये सभी पुस्तकें हमें धन की देवी लक्ष्मी के पीछे जाने की सलाह देती हैं, ताकि हम उन्हें अपना बना सकें। लेकिन प्रसिद्ध चिंतक तथा पुराण-विद्या विशेषज्ञ देवदत्त पट्टनायक लिखते हैं कि समृद्धि तथा तृप्ति के बारे में भारतीय द़ृष्टिकोण लक्ष्मी का अंधाधुंध पीछा करने के विरुद्ध चेतावनी देता है। इसके बजाय हमें पाने के लिए देना सीखना चाहिए और अपनी क्षुधा शांत करने के लिए अन्य लोगों की भूख को संतुष्ट करना चाहिए। यदि हम यह मूलभूत सच्चाई सीख लें और इस पर अमल करें तो लक्ष्मी हमारे घरों तथा जीवन में वास करने लगेंगी। पट्टनायक की मशहूर बेस्ट सेलर बिज़नेस सूत्र से प्रेरित यह पुस्तक प्रबंधन व बिज़नेस पर आधारित है, तथा धन व सफलता को सृजित करने के बारे में अंतर्द़ृष्टियों से भरपूर है।
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