राम की कहानी मानवीय शक्तियों एवं दुर्बलताओं का रूपक तथा आतंरिक दिव्यता का वातायन है.' - तहलका राम मर्यादा पुरुषोत्तम, सामाजिक मूल्यों के सबसे बड़े ध्वजवाहक, रघुवंश के वंशज, सूर्यवंश के रत्न तथा विष्णु के सातवें अवतार हैं. महिलावादियों ने जिन्हें भला-बुरा कहा और राजनीतिज्ञों ने जिनको अपने लिए उपयुक्त बनाया, वे स्वयं अपने गौरव में प्रशांत बने हुए हैं, तथा एकमात्र हिन्दू देवता हैं जिनको राजा के रूप में पूजा जाता है. आज के दौर में राम की प्रासंगिकता की इस तलाश में देवदत्त पटनायक के साथ शामिल हो जाइए, जिसमें वे राम कथा के अनेक प्रारूपों में छिपे रूपकों एवं अर्थों की परतें उतारते चलते हैं. 'रामायण के अनेक संस्करणों का यह श्रेष्ठ मेल है, जो यह दर्शाता है कि किस प्रकार पिछली शताब्दियों के दौरान इस कहानी को अनुकूलित कर ऐसा बनाया गया है कि वह भिन्न प्रकार के लोगों की आवश्यकताओं और उनके दृष्टिकोण के अनुसार ढल जाए.' - संडे गार्डियन 'पटनायक एक संपूर्ण लेखक हैं.. उनकी रोचक और सहज शैली आम और गंभीर दोनों ही तरह के पाठकों को पसंद आएगी और प्रभावित करेगी.' - मेल टुडे
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