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धोखा

25 सितम्बर 2021

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सोनाक्षी, जैसा नाम वैसा ही सोने जैसा रंग। पूरा नाम सोनाक्षी सिंह

अपने माता पिता की इकलौती बेटी और अपने भैया राजिव कि इकलौती बहन। सोनाक्षी अपने माता पिता के साथ दिल्ली में रहती थी।राजिव अपनी पत्नी सीमा के साथ जयपुर में रहता था।

सोनाक्षी पढ़ाई में भी बहुत होशियार थी, हर काम में निपुण थी। उसे बचपन से ही कविता लिखने का शौक था।
वो सारी कविताएँ अपनी डायरी में लिखती थी।

उसने अपने इस शौक के बारे मे कभी किसी को नहीं बताया।

कोई भी उसके इस हुनर के बारे में नहीं जानता था।

    अभी वो ग्रेजुएशन कर रही थी। कालेज का आखिरी साल चल रहा था।

उसके साथ एक नवीन नाम का लड़का पढ़ ता था। वो सोनाक्षी का बहुत अच्छा दोस्त था।

सोनाक्षी को मन ही मन बहुत पसंद करता था। लेकिन सोनाक्षी ने कभी उसको दोस्त से ज्यादा नहीं माना।

सोनाक्षी की जिंदगी बहुत अच्छे से चल रही थीं। घर में सबसे छोटी और सबकी लादली । सभी उसको बहुत प्यार करते थे।
कयो न करते वो थी ही इतनी गुणी।

वो जिस  कॉलेज में पढ़ती थी। उस  कॉलेज के रास्ते में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी था। वहाँ पढने वाला एक लड़का रोज़ सोनाक्षी का पीछा करता और उससे बात कर ने की कोशिश कर ता। लेकिन सोनाक्षी ने कभी उसपर धयान नहीं दिया।

वो अपने दोस्तों के साथ कालेज आया जाया करती थी।

फिर एक दिन जब वो अकेली ही कालेज से घर की तरफ आ रही थीं। वो हि लड़का फिर से  मोटर साइकिल लेकर सोनाक्षी का पीछा करने लगा।

सोनाक्षी तेज़ कदमों से अपने घर की तरफ जाने लगी।
लड़के एक दम से उसके सामने आकर खड़ा हो गया और उस के सामने हाथ बढ़ाकर कहा" हैलो मै राज शर्मा, आप का नाम सोनाक्षी है ना? मै आपको बहुत समय से जानता हूँ।
मैं आपसे दोस्ती करना चाहता हूँ?

सोनाक्षी ने हिम्मत जुटाकर कहा कि मैं अंजान लोगों से दोस्ती नही कर ती।

कहकर वो अपने रास्ते चल पड़ती है।

फिर हर रोज राज सोनाक्षी से बात कर ने की कोशिश कर ता है।

धीरे धीरे सोनाक्षी भी उसको पसंद करने लगती है।दोनो के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया था।

जब राज उसके आस पास नहीं होता था। उसकी आँखे  राज को तलाशती थी।

राज ने इंजीनियरिंग की परिक्षा पास करके  डिग्री ले ली थी। उसकी अच्छी जगह नौकरी लग चुकी थी। उसके परिवार में उसके माता पिता के अलावा एक छोटी बहन थी। वो अभी ग्रेजुएशन की पहले साल में थी।

राज का परिवार शिमला में उनके पुसतैनी हवेली में रहता था।
पैसों की कोई कमी नहीं थी।

सोनाक्षी का कालेज का आखिरी साल चल रहा था। उसके भैया भाभी छुटियों में दिल्ली आए हुए थे।

एक दिन सोनाक्षी के भैया भाभी उसे कालेज लेने पहुंचे।
लेकिन वहाँ जाने पर पता चला कि  वो बहुत दिनों से कालेज नहीं जा रही है।

सुनकर दोनों बहुत चिंता में पड़ जाते हैं।
इधर उधर खबर लेने के बाद दोनों घर लौट ते है।कुछ देर में सोनाक्षी घर लौटती है।

घर पहुँच ते ही सभी उस से पूछते हैं कि इतनी देर कहाँ
थी?  सोनाक्षी घबरा कर बोलती है कि मैं तो कालेज में थी।
तभी भैया चिल्लाकर बोलते है कि तुम झूठ बोल रही हो। तुम तो की दिनों से कालेज ही नहीं गयी।

सोनाक्षी चुपचाप खड़ी रही। फिर भाभी ने पयार से पूछा तब सोनाक्षी ने सब कुछ सच बोल दिया।

पहले तो सब ने गुस्सा किया। फिर भैया राजिव राज से मिलने जाने को तैयार हो गये। 

सोनाक्षी से राज का फोटो और पता ले लिया और बोला कि पहले से राज को कुछ नहीं बताये।  वो अचानक जाकर ही उससे  छुट्टी के दिन ही मिलना चाहते हैं।

सोनाक्षी ने अपने भैया कि बात मान ली।
फिर रविवार को राजिव  राज को मिलने के लिए उसके घर जा पहुंचे। राज किराये के एक फलैट में रहता था।

तब सुबह के दस बजे थे। राज फलैट की घंटी बजाने को ही होता है तभी दरवाजा खुलता है और एक लड़की छोटे छोटे कपड़े पहने बाहर आती है। पीछे पीछे एक लड़का भी बाहर आया, वो कोई और नहीं राज ही था। वो उससे चिपक चिपक कर बात कर रही थी। उनके बातों से ही पता चल रहा था कि उनमें कुछ तो चल रहा है। ये सब राजिव देख रहा था।

राजिव  को एक मिनट भी नहीं लगा उसको पहचान ने  में।
राजिव को बहुत गुस्सा आता है और राज को खिचाकर  थप्पड़ मारता है।
राज को पहले कुछ समझ में नहीं आता है। फिर राजिव के बता ने पर समझमें आता है कि वो सोनाक्षी का बड़ा भाई है।

राजिव तिलमिलाता हुआ घर पहुँच ता है। घर वालो के पूछने पर राजिव सब घटनाओं को विस्तार से बोलने लगा।
सबके होश उड़े हुए थे।  लेकिन सोनाक्षी ने अपने भैया को ही झूठा बोल ती है।

वो रोते हुए अपने कमरे में चली जाती है।
और दरवाजा बंद कर देती है।
तभी राज का फोन आता है। सोनाक्षी फोन उठाती है और जोर जोर से रोने लगती है।
राज सोनाक्षी को एक अलग ही कहानी बना कर सुनाता है। वो कहता है कि उसकी दोस्त की बहन उससे नौकरी की सिलसिले में मिलनी आई थी। जिसे उसके भैया ने गलत समझ लिया।
सोनाक्षी राज की बातों को ही सच मान लेती है।

सोनाक्षी को उसके घर वाले राज से मिलने से मना कर देते है। लेकिन वो छुप छुप कर राज को मिलती रहती है।

कुछ ही दिनों में सोनाक्षी की परिक्षा शुरू होने वाली होती है। वो पढ़ाई में धयान लगा ती है। वो मन लगा कर परिक्षा देती है।

परिक्षा के खत्म होते ही सोनाक्षी के भैया उसके लिए एक रिश्ता लेकर आते है। सोनाक्षी के माता पिता भी राजी हो जाते हैं। वो राजिव को कहते है कि वो लड़के वालो को घर बुला ले।

सोनाक्षी को  देख ने लड़के वाले घर आते हैं। सोनाक्षी को पहले से कुछ नहीं पता होता है। लड़के वाले सोनाक्षी को देखते ही पसंद कर लेते हैं।

सोनाक्षी वहाँ से उठकर चली जाती है।
अपने कमरे का दरवाजा बंद कर देती है और राज को फोन कर ती है। और सब कुछ बता देती है कि उसके साथ कया हो रहा है।
राज उसको अगले दिन मिलने के लिए बुलाता है।



कया होगा आगे?  सोनाक्षी की शादी किससे होगी? राज का असली चेहरा क्या है?
क्यों उसने मुखौटा पहन रखा है?
इंतज़ार कीजिये अगले भाग का
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सूचना:- प्रिय पाठक गण.... जिन्होंने मुझे प्रोत्साहन दिया है उन सबको मेरा बहुत बहुत धन्यवाद........
मै कोई लेखिका नहीं हूँ.... बस कुछ अच्छा लिखने की कोशिश की है.... .... बहुत से पाठकों ने विभिन्न समीक्षाएं दी है... अति धन्यवाद.... और
एक विशेष बात यह है कि इस कहानी का दूसरा और अंतिम भाग बहुत पहले ही दिया जा चुका है! जो कि शायद कुछ तकनीकी  problem की वजह से दिख नही रहा है! मै सभी पाठक गण से निवेदन करती हूँ कि कृपया मेरे profile me jakar aap is story ka last part padh sakte hain... कुछ  readers  ऐसे भी है जिन्होंने कहानी पूरा पढ़े बिना ही समीक्षा दे दी है कि ये वकवास अधूरी कहानी है....  ऐसे पाठकों से मेरा सविनय निवेदन है कि कहानी का अंतिम भाग पढ़े फिर अपनी समीक्षा दीजिये!

अगर किसी को कहानी पसंद नहीं आई तो मैं माफी मांगती हूँ....

धन्यवाद


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धोखा एक ऐसी लड़की की कहानी है जो बहुत ही खुश मिज़ाज थी! लेकिन उसके जीवन में ऐसा घटना घट जाती है जिससे उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल जाती है!

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