दीप त्रिवेदी
विख्यात सायकोएनालिस्ट श्री दीप त्रिवेदी, व्यापक सायकोलोजिकल दृष्टिकोण रखनेवाले एक उत्कृष्ट लेखक और वक्ता हैं। इनका लेखन मनुष्य को अपनी संपूर्ण क्षमता प्राप्त करने की ओर अग्रसर करने के साथ-साथ जीवन की प्रचलित कार्यप्रणालियों और तौर-तरीकों पर प्रश्न भी उठाता है। इन्हें मानव-मन और मस्तिष्क की कार्यपद्धति का इतनी गहराई से ज्ञान है कि ये किसी भी घटना या मानव-जीवन के प्रवाह का आकलन करने में सक्षम हैं। यही कारण है कि इनके द्वारा लिखी कई किताबों में से एक का शीर्षक है ‘भाग्य’। इनके द्वारा लिखित अन्य किताबों में मैं मन हूँ, मैं समय हूँ, मेरी कहानी मेरी जुबानी-कृष्ण, सबकुछ सायकोलोजी है, बुद्ध का संपूर्ण जीवन; आदि का नाम शुमार है। मानव-जीवन की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से इन्हीं विषयों पर इनके द्वारा दिए गए उपदेश इनके लेखन के पूरक हैं। इसके साथ ही श्री दीप त्रिवेदी एक सफल बिजनसमैन भी हैं और उनकी पहल आत्मन इनोवेशन्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना मानव-जीवन की उन्नति के उत्कृष्ट उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए की गई है। वेबसाइट : https://deeptrivedi.com/
मुझे सहिष्णुता मत सिखाओ - भारत
यह किताब भारत देश द्वारा पहले व्यक्ति के नजरिए से दुनिया के लिए लिखी गई है ताकि वह 'सहिष्णुता' के नियम को समझकर प्रगति व समृद्धि के शिखर छू सकें. अपनी बात को सरलता से समझाने हेतु इसमें मशहूर हस्तियों की, राजनीतिक पार्टियों की, प्रधानमंत्रियों की, धर्
मुझे सहिष्णुता मत सिखाओ - भारत
यह किताब भारत देश द्वारा पहले व्यक्ति के नजरिए से दुनिया के लिए लिखी गई है ताकि वह 'सहिष्णुता' के नियम को समझकर प्रगति व समृद्धि के शिखर छू सकें. अपनी बात को सरलता से समझाने हेतु इसमें मशहूर हस्तियों की, राजनीतिक पार्टियों की, प्रधानमंत्रियों की, धर्
भाग्य के रहस्य
भाग्य एक बहुचर्चित और अति दिलचस्प विषय है, परंतु इसके बाबत बहुत ही कम ज्ञात है. ‘भाग्य’ शब्द, उसकी कार्यप्रणाली तथा मनुष्य-जीवन पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के बाबत अनगिनत सवाल खड़े होते हैं. लेकिन भाग्य वाकई में है क्या? क्या भाग्य का वास्तव में कोई अस्त
भाग्य के रहस्य
भाग्य एक बहुचर्चित और अति दिलचस्प विषय है, परंतु इसके बाबत बहुत ही कम ज्ञात है. ‘भाग्य’ शब्द, उसकी कार्यप्रणाली तथा मनुष्य-जीवन पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के बाबत अनगिनत सवाल खड़े होते हैं. लेकिन भाग्य वाकई में है क्या? क्या भाग्य का वास्तव में कोई अस्त
आप और आपका आत्मा
आत्मा के सहारे सफलता के शिखर छुओ "आप और आपका आत्मा" पहली ऐसी किताब है जिसमें मनुष्यजीवन की सर्वशक्तिमान सत्ता आत्मा का सरलतम और वैज्ञानिक भाषा में विस्तार से वर्णन किया गया है। बेस्टसेलर 'मैं मन हूँ' के लेखक और स्पीरिच्युअल सायकोडाइनैमिक्स के पायन
आप और आपका आत्मा
आत्मा के सहारे सफलता के शिखर छुओ "आप और आपका आत्मा" पहली ऐसी किताब है जिसमें मनुष्यजीवन की सर्वशक्तिमान सत्ता आत्मा का सरलतम और वैज्ञानिक भाषा में विस्तार से वर्णन किया गया है। बेस्टसेलर 'मैं मन हूँ' के लेखक और स्पीरिच्युअल सायकोडाइनैमिक्स के पायन
मैं कृष्ण हूँ (भाग-५)
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे और द्वारका के संघर्षशील दिनों की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की पांचवीं किताब है।
मैं कृष्ण हूँ (भाग-५)
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे और द्वारका के संघर्षशील दिनों की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की पांचवीं किताब है।
मैं कृष्ण हूँ (भाग-२ )
‘मैं कृष्ण हूँ - मथुरा में मेरे संघर्षशील जीवन की दास्तां’ बेस्टसेलर ‘मैं मन हूँ’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ किताब का दूसरा भाग है। इसमें कृष्ण द्वारा मथुरा में किए संघर्षों का रोचक वर्णन है तथा इसमें कृष्ण के जीवन से जुड़े कुछ
मैं कृष्ण हूँ (भाग-२ )
‘मैं कृष्ण हूँ - मथुरा में मेरे संघर्षशील जीवन की दास्तां’ बेस्टसेलर ‘मैं मन हूँ’ के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित ‘मैं कृष्ण हूँ’ किताब का दूसरा भाग है। इसमें कृष्ण द्वारा मथुरा में किए संघर्षों का रोचक वर्णन है तथा इसमें कृष्ण के जीवन से जुड़े कुछ
मैं मन हूँ
‘सुख और सफलता हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन वो इसे पाने से चूक जाता है’, ये कहना है विख्यात लेखक और वक्ता श्री दीप त्रिवेदीजी का जिन्होंने ‘मैं मन हूँ’ नामक किताब लिखी है। मन के बाबत कम ज्ञान उपलब्ध होने के कारण वो अक्सर ऐसी गलतियां कर बैठत
मैं मन हूँ
‘सुख और सफलता हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, लेकिन वो इसे पाने से चूक जाता है’, ये कहना है विख्यात लेखक और वक्ता श्री दीप त्रिवेदीजी का जिन्होंने ‘मैं मन हूँ’ नामक किताब लिखी है। मन के बाबत कम ज्ञान उपलब्ध होने के कारण वो अक्सर ऐसी गलतियां कर बैठत
मैं कृष्ण हूँ (भाग-१)
कृष्ण एक ऐसे प्रभावशाली व्यक्तित्व हैं जो बिना किसी अपवाद के उत्सुकता जगाते हैं और जिन्हें हर कोई जानना और समझना चाहता है। कृष्ण – एक कलाकार, एक प्रेमी, एक राजनेता, एक सायकोलोजिस्ट, एक व्यवसायी, एक दूरदर्शी, एक गुरु... और भी बहुत कुछ। उनकी उपलब्धियां
मैं कृष्ण हूँ (भाग-१)
कृष्ण एक ऐसे प्रभावशाली व्यक्तित्व हैं जो बिना किसी अपवाद के उत्सुकता जगाते हैं और जिन्हें हर कोई जानना और समझना चाहता है। कृष्ण – एक कलाकार, एक प्रेमी, एक राजनेता, एक सायकोलोजिस्ट, एक व्यवसायी, एक दूरदर्शी, एक गुरु... और भी बहुत कुछ। उनकी उपलब्धियां
मैं समय हूँ
‘मैं समय हूँ’ यह पुस्तक बेस्टसेलर्स ‘मैं मन हूँ’, ‘मैं कृष्ण हूँ’ और ‘101 सदाबहार कहानियां’ के लेखक तथा स्पीरिच्युअल सायको-डाइनैमिक्स के पायनियर दीप त्रिवेदी ने लिखी है। मनुष्यजीवन को गहराई से समझने और समझाने वाले दीप त्रिवेदी ने विश्व की अंतिम और
मैं समय हूँ
‘मैं समय हूँ’ यह पुस्तक बेस्टसेलर्स ‘मैं मन हूँ’, ‘मैं कृष्ण हूँ’ और ‘101 सदाबहार कहानियां’ के लेखक तथा स्पीरिच्युअल सायको-डाइनैमिक्स के पायनियर दीप त्रिवेदी ने लिखी है। मनुष्यजीवन को गहराई से समझने और समझाने वाले दीप त्रिवेदी ने विश्व की अंतिम और
मैं कृष्ण हूँ (भाग-४)
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे राजनीतिक उत्थान की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की चौथी किताब है। इस किताब में कृष
मैं कृष्ण हूँ (भाग-४)
"मैं कृष्ण हूँ – मेरे राजनीतिक उत्थान की दास्तां" बेस्टसेलर्स "मैं मन हूँ", "101 सदाबहार कहानियां", "आप और आपका आत्मा" तथा "3 आसान स्टेप्स में जीवन को जीतो" के लेखक दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित "मैं कृष्ण हूँ" श्रृंखला की चौथी किताब है। इस किताब में कृष