भाग्य एक बहुचर्चित और अति दिलचस्प विषय है, परंतु इसके बाबत बहुत ही कम ज्ञात है. ‘भाग्य’ शब्द, उसकी कार्यप्रणाली तथा मनुष्य-जीवन पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के बाबत अनगिनत सवाल खड़े होते हैं. लेकिन भाग्य वाकई में है क्या? क्या भाग्य का वास्तव में कोई अस्तित्व है? क्या भाग्य लिखा हुआ है? क्या भाग्य संयोग मात्र है या फिर चुनाव मात्र? क्या हमें भाग्य का इंतजार करना चाहिए या फिर उसके पीछे दौड़ना चाहिए? ऐसे ही कई सवालों के जवाब इस किताब ‘भाग्य के रहस्य’ में पाइए जो कि मशहूर लेखक और वक्ता दीप त्रिवेदी द्वारा लिखित है. दीप त्रिवेदी इस किताब में ना सिर्फ भाग्य के रहस्यों और हमारे अस्तित्व को चलाने वाले भाग्य के नियमों पर से परदा उठाते हैं, बल्कि वो हमें अपना भाग्य खुद रचने की कला भी सिखाते हैं.यदि सफलता के शिखर छूना और आनंद और मस्ती से जीना आपके जीवन का उद्देश्य है, परंतु उसके लिए आपको कोई उचित मार्ग नहीं दिख रहा, तो यह किताब आपके लिए है.
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