यह किताब भारत देश द्वारा पहले व्यक्ति के नजरिए से दुनिया के लिए लिखी गई है ताकि वह 'सहिष्णुता' के नियम को समझकर प्रगति व समृद्धि के शिखर छू सकें. अपनी बात को सरलता से समझाने हेतु इसमें मशहूर हस्तियों की, राजनीतिक पार्टियों की, प्रधानमंत्रियों की, धर्मों की, राष्ट्रों की, समाजों की सहिष्णुता को परखा गया है और वास्तविक जीवन के दृष्टांतों के जरिए यह बताया गया है कि कैसे असहिष्णुता भारत एवं दुनिया की शांति को तबाह कर रही है. किताब की खास बात यह है कि इसमें भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सम्पूर्ण सायकोएनालिसिस की गई है तथा भारत की अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी से पड़नेवाले प्रभाव की भी चर्चा की गई है. यह किताब उन लोगों की आंखें खोलने में सहायक है जो जीवन के कुछ पहलुओं के प्रति सीमित है |
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