मैं दीक्षा कुछ नया सिखना चाहती हूं।✨ मुझे शब्दों का ज्यादा ज्ञान नहीं। मेरी लेखनी भी इतनी महान नहीं।। क्या कहूं अपने बारे में, 🤔 मुझे किसी चीज का अभियान नहीं।
निःशुल्क
एक कवि का कलम जब चलता है तो अच्छे अच्छों का पसीना उतरता है। धीरे -धीरे ही सही,हर पर्दे से पर्दा उतरता है।। आइने पर सच स्वयं झलकता है । हर झूठ पर सत्य हावी हो ही जाता है।। हमेशा की तरह झूठ हार जाता
मन करता है कलम उठाऊं, आज शब्दों के वाण चलाऊं। कल की चिंता में क्यों, आज स्वयं को रूलाउं। जीवन के पल-पल से सबको रुबरु कराऊं। मन करता है कलम उठाऊं.. बीते हुए कल को भूल जाऊं कि, hu आने वाले पल के
मन करता है कलम उठाऊं, आज शब्दों के वाण चलाऊं। कल की चिंता में क्यों, आज स्वयं को रूलाउं। जीवन के पल-पल से सबको रुबरु कराऊं। मन करता है कलम उठाऊं.. बीते हुए कल को भूल जाऊं कि, आने वाले पल के इंत