एक कवि का कलम जब चलता है तो अच्छे अच्छों का पसीना उतरता है।
धीरे -धीरे ही सही,हर पर्दे से पर्दा उतरता है।।
आइने पर सच स्वयं झलकता है ।
हर झूठ पर सत्य हावी हो ही जाता है।।
हमेशा की तरह झूठ हार जाता है और
अंत में सत्य का विजय नि: संदेह होता है।।
दीक्षा...🔏