shabd-logo

कवि की कलम

3 अक्टूबर 2022

16 बार देखा गया 16

एक कवि का कलम जब चलता है तो अच्छे अच्छों का पसीना उतरता है।

धीरे -धीरे ही सही,हर पर्दे से पर्दा उतरता है।।

आइने पर सच स्वयं झलकता है ।

हर झूठ पर सत्य हावी हो ही जाता है।।

हमेशा की तरह झूठ हार जाता है और 

अंत में  सत्य का विजय नि: संदेह होता है।।


                   दीक्षा...🔏 

दीक्षा कुमारी की अन्य किताबें

कविता रावत

कविता रावत

सच है कि सत्य लाख पर्दों के पीछे क्यों न हो, उसे कोई नही मिटा सकता है

3 अक्टूबर 2022

1

मन करता है कलम उठाऊं।

3 अक्टूबर 2022
0
0
0

मन करता है कलम उठाऊं, आज शब्दों के वाण चलाऊं। कल की चिंता में क्यों, आज स्वयं को रूलाउं। जीवन के पल-पल से सबको रुबरु कराऊं। मन करता है कलम उठाऊं.. बीते हुए कल को भूल जाऊं कि, आने वाले पल के इंत

2

मन करता है कलम उठाऊं।

3 अक्टूबर 2022
0
0
0

मन करता है कलम उठाऊं, आज शब्दों के वाण चलाऊं। कल की चिंता में क्यों, आज स्वयं को रूलाउं। जीवन के पल-पल से सबको रुबरु कराऊं। मन करता है कलम उठाऊं.. बीते हुए कल को भूल जाऊं कि, hu आने वाले पल के

3

कवि की कलम

3 अक्टूबर 2022
1
0
1

एक कवि का कलम जब चलता है तो अच्छे अच्छों का पसीना उतरता है। धीरे -धीरे ही सही,हर पर्दे से पर्दा उतरता है।। आइने पर सच स्वयं झलकता है । हर झूठ पर सत्य हावी हो ही जाता है।। हमेशा की तरह झूठ हार जाता

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए