दिल तोड़कर पूछती हो हाल दिल का।
जीना अब मैंने भी सिख लिया है ।
बिन तेरे रहना अब मैंने सीख लिया है ।
हालातों से अपने सीखा हूं ।
ठोकर खाकर संभला हूं ।
मिलते है बेवफा इश्क के बाजार में ।
इसलिए दिल लगाना अब छोड़ चूका हूं।।
16 सितम्बर 2021
दिल तोड़कर पूछती हो हाल दिल का।
जीना अब मैंने भी सिख लिया है ।
बिन तेरे रहना अब मैंने सीख लिया है ।
हालातों से अपने सीखा हूं ।
ठोकर खाकर संभला हूं ।
मिलते है बेवफा इश्क के बाजार में ।
इसलिए दिल लगाना अब छोड़ चूका हूं।।
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मै एक हिन्दी ब्लागर हूं। मेरा ब्लाग budhanii.blogspot.com में हिन्दी कविता, शायरी, धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यटक स्थल एवं ऐसे सामजिक विषय जो आम जनजीवन से संबंधित है । ऐसे विषय पर आर्टिकल के माध्यम से जानकारी प्रदान करने की कोशिश की जाती है। D