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<p><strong>सरकार की बाते सरकार ही जाने।</strong></p> <p><strong>जनता तो है बेबस खड़ी । </
<p><strong>सब भाषा अच्छी है । </strong></p> <p><strong>सबसे तुम प्यार करों।</strong></p> <p><br
<p><strong>चार किताबे क्या पढ़ ली। </strong></p> <p><strong>तो पड़े लिखे हो गये। </strong>
<p><strong>चेहरे पर लगे नकाब हट जायें तो ।</strong></p> <p><strong>हर एक चेहरे से नफरत करने लगोगे ।<
<p><strong><br> </strong><strong>मौत को कई बार करीब से देखा है ।</strong></p> <p><strong>अब मरने का
<p><strong>जिदंगी के उस दो राहे पर खड़ा हूं । </strong></p> <p><strong>ना जी सकता हूं और न ही म
<p><strong>सुखे हुए पत्ते भी डाल से झड़ जाते है। </strong></p> <p><strong>जरूरत जब खत्म ह
<p><strong>इस तरह रूठना भी अच्छा नही होता ।</strong></p> <p><strong>तड़पाना इस कदर किसी को अच्छा नही
<p><strong>आईना भी वही दिखाता है। </strong></p> <p><strong>जो उसके सामने होता है । </stron
<p><strong>दिल तोड़कर पूछती हो हाल दिल का।</strong></p> <p><strong>जीना अब मैंने भी सिख लिया है ।</s