चार किताबे क्या पढ़ ली।
तो पड़े लिखे हो गये।
चार लोगों के बीच उठना बैठना क्या हुआ ।
तो बड़े नामचीन हो गये।
ना जाने कैसी कैसी गलतफहमी पाल लेते है लोग ।
चंद कदम चले है अभी जिंदगी मैं।
और ख्वाब नवाबी हो गये।।
14 सितम्बर 2021
चार किताबे क्या पढ़ ली।
तो पड़े लिखे हो गये।
चार लोगों के बीच उठना बैठना क्या हुआ ।
तो बड़े नामचीन हो गये।
ना जाने कैसी कैसी गलतफहमी पाल लेते है लोग ।
चंद कदम चले है अभी जिंदगी मैं।
और ख्वाब नवाबी हो गये।।
3 फ़ॉलोअर्स
मै एक हिन्दी ब्लागर हूं। मेरा ब्लाग budhanii.blogspot.com में हिन्दी कविता, शायरी, धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यटक स्थल एवं ऐसे सामजिक विषय जो आम जनजीवन से संबंधित है । ऐसे विषय पर आर्टिकल के माध्यम से जानकारी प्रदान करने की कोशिश की जाती है। D