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उम्मीद

14 सितम्बर 2021

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जिदंगी के उस दो राहे पर खड़ा हूं । 

ना जी सकता हूं और न ही मर । 

जीने के लिए कुछ बचा नहीं । 

और किसी की उम्मीदें मुझें मरने नही देतीं ।।

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