मौत को कई बार करीब से देखा है ।
अब मरने का भय नही मुझमें ।
बस कुछ ख्वाब अधूरे अधूरे से है ।
बस सांसे इतनी मिल जाये मुझे ।
पूरा कर संकू वो हर एक ख्वाब।
जो रह गए अधूरे अधूरे से ।।
14 सितम्बर 2021
मौत को कई बार करीब से देखा है ।
अब मरने का भय नही मुझमें ।
बस कुछ ख्वाब अधूरे अधूरे से है ।
बस सांसे इतनी मिल जाये मुझे ।
पूरा कर संकू वो हर एक ख्वाब।
जो रह गए अधूरे अधूरे से ।।
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मै एक हिन्दी ब्लागर हूं। मेरा ब्लाग budhanii.blogspot.com में हिन्दी कविता, शायरी, धार्मिक, आध्यात्मिक, पर्यटक स्थल एवं ऐसे सामजिक विषय जो आम जनजीवन से संबंधित है । ऐसे विषय पर आर्टिकल के माध्यम से जानकारी प्रदान करने की कोशिश की जाती है। D