साथ गर आपका जो मिल जाए
सफ़र जिन्दगी का आसां से कट
जाए
मन का बंद दरवाजा खुलने को
है
खुशबुओं की राह से जो गुजरा
जाए
हल हो जाए खुदबखुद एक दिन
मसलों को सवालों की तरह रखा
जाए
अंधेरों में ढूंढ़ते रहते
हैं जाने क्या
उजालों का हाल क्या कहा जाए
लोग कहते हैं आंसू पानी है
‘राजीव’ दिल का मलाल क्या
कहा जाए