shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

सोरठी बृजभार

Dinesh Dubey

34 अध्याय
0 लोगों ने खरीदा
15 पाठक

यह एक उत्तर भारत की प्रसिद्ध लोक कथा है ,इसी कथा से पति पत्नी का रिश्ता सात जन्म तक होता है कहा जाता है ,एक अप्सरा और गंधर्व की प्रेम कहानी है ,!!  

sorathi brijbhar

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

सोरठी बृझभार

1 फरवरी 2022
3
0
0

भाग 1 सोरठी बृझभार ,उत्तरप्रदेश और बिहार की एक प्रसिद्ध लोक कथा है , यह एक कहानी जो एक अप्सरा और गंधर्व की प्रेम कथा पर आधारित है , आशा करता हूं की आप सभी को पसंद आएगी ,!

2

केतकी का क्रोध

1 फरवरी 2022
3
0
0

भाग 2जैसे ही केतकी की सेविका दिव्या उसे उठाती है तो वह क्रोधित हो उसे देखती है और कहती है ,*" ऐसा कौन सा पहाड़ टूट पड़ा जो असमय तुम मुझे अर्ध निंद्रा से उठाने की धृष्टता कर रही हो ,*"!!!दिव्य कह

3

केतकी की परेशानी

2 फरवरी 2022
1
0
1

भाग 3 केतकी पुनः पुराने परिदृश्य में लौटती है ,दिव्या वही खड़ी खोई हुई केतकी को देखती हैं ,केतकी की आंखो में आक्रोश भरा हुआ है, !!!वह दिव्या से पूछती है ,*" गंधर्व कर्कोटक कहां हैं ,*"!??दि

4

विजई पुष्पा

2 फरवरी 2022
1
0
0

भाग 4 देवलोक में सितारों के बीच एक रंगमंच सजा हुआ है , सामने रंगमंच के ऊंचाई के बराबर दो सिंहासन लगे हुए हैं, जिन पर देवराज इन्द्र और देव रानी शची विराज मान हैं ,उनके पीछे चारो ओर से

5

देवेंद्र का श्राप

2 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 5 मान सरोवर के तट पर सुंदर वृक्षों के प्रांगड़ में पुष्पा और देवक अपने प्रणय आनंद में खोए हुए थे ,उन्हे तो इस बात का आभास भी नही था की उनकी जीत से कुपित केतकी और उसके साथी कोई कुचक्र भी चल सक

6

ब्रह्मदेव का पुत्र

2 फरवरी 2022
1
0
0

भाग 6सभी देवर्षि नारद को देख प्रणाम करते है ,*" प्रणाम देवर्षि नारद जी,*"!!!नारद जी अपनी ताल में कहते हैं *" नारायण नारायण कल्याण हो सबका ,*"!!!केतकी प्रसन्न होते हुए कहती हैं ,*" हमारे अह

7

गौ दान

2 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 7 ब्रमदेव बेचारा निरीह ब्राह्मण अपने बच्चे के लिए गाय प्राप्त करने के लिए चल देता है ,!!सेठ धनिक लाल के द्वार पर ढोल ताशे बज रहे थे , सेठ का मुंशी भिखारियों को अनाज ,धन , वस्त्र दान कर रहे थे

8

देव और छबि का मिलना

2 फरवरी 2022
4
0
4

भाग 8 ग्राम की पाठशाला में सभी बच्चे आ रहे हैं , कुछ अध्यापक पेड़ो के नीचे बैठे छात्रों को पढ़ा रहे हैं , पाठशाला खुले मैदान में पेड़ो के नीचे ही चल रही थी ,कुछ कुटिया बनी हुई थी ,उसम

9

देव कुमारी और छबि का प्यार

7 फरवरी 2022
1
0
0

भाग 9 रात्रि का समय है ,केतकी ,कर्कोटक ,माया , फूलवती सभी बैठे हैं ,कर्कोटक केतकी को देवकुमारी और छबीनाथ के बारे में बता रहा है,!!कर्कोटक कहता है *" अब और देखने का समय नहीं रहा है देवी केतक

10

दोनों की तड़प

7 फरवरी 2022
1
0
0

भाग 10ब्रह्मदेव अपने घर में चिंतित सा चहल कदमी कर रहा है, सामने वसुधा बैठी है ,!!वसुधा उसे चिंतित देख कहती है,*" देखिए आर्यपुत्र ,मेरा मन नहीं मानता ,मेरा छबि ऐसा नहीं है ,वह तो भोला भाला सरल बालक है

11

केतकी की चाल

10 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 11केतकी और कर्कोटक नीचे की कक्ष की ओर जाते हैं ,वह उसके कक्ष में प्रवेश करते हैं , दाई मां अपने कक्ष में पलंग पर सोई है,केतकी उसके पास पहुंच कर उसके ऊपर अपनी छड़ी घुमाती है ,जिस से वह बेसुध हो जात

12

पंचायत

15 फरवरी 2022
0
0
0

भाग 12देवकुमारी और छबि को इस प्रकार लिपट कर पड़े देख एक महिला कहती हैं ,*" ही भगवान दोनो कैसे निर्लज्ज की तरह एक दूसरे से चिपके पड़े हैं , ऐसे तो पति पत्नी भी नही रह सकते हैं ,,*"!!लोगो की भिड़ लग जात

13

ब्राम्हदेव का निष्कासन

3 मार्च 2022
1
0
0

भाग 13निर्धन की सुनवाई तो किसी भी काल या युग में कभी भी नही हुई है ,हमेशा धनवान और समर्थवान लोगो के पक्ष में सभी लोग रहते हैं ,ये चाहे सतयुग रहा हो या त्रेता या फिर द्वापर कलयुग की तो बात ही निर

14

छनीनाथ की जिद्द

11 मार्च 2022
0
0
0

भाग 14थोड़ी दूर निकल जाने पर एक बैल गाड़ी उन्हे मिल जाती है ,वह उस पर पूरा सामान लाद देते हैं, और आगे बढ़ते हैं ,चलते चलते वह एक गांव के किनारे पहुंचते हैं ,और वहां के मुखिया के पास जाकर गांव में शरण

15

मान गए सेठजी

11 मार्च 2022
0
0
0

भाग 15 सेठ जी के हवेली के सामने छबीनाथ पहुंचता है उसे देख सभी नौकर घबराकर सेठ जी को आवाज देते हैं तो सेठ हड़बड़ाते हुए बाहर आता है ,और सामने छबीनाथ को देख उसका माथा ठनका और वह कहता है ,*" अरे दरि

16

पूरा हुआ पहला जन्म

11 मार्च 2022
0
0
0

भाग 16सेठ धनिक लाल देवकुमारी से कहता है ,*" बेटी तू दूध पी लें मैं अभी जाकर छबि और उसके परिवार से क्षमा मांग कर ले आता हूं और तुम्हारा विवाह धूम धाम से करूंगा ,*"!!देवकुमारी कहती है ,*" बाबू जी

17

दूसरा जनम

20 जून 2022
0
0
0

भाग 17देवक और पुष्पा हाथ जोड़े इंद्रदेव के समक्ष खड़े हुए हैं , पास ही एक और कर्कोटक और केतकी अपने सहेलियों के साथ खड़ी है , उन्हे इस बात की खुशी थी की इन दोनो का मिलन नही हो प

18

प्रेम से बड़ा ना कोई

21 जून 2022
0
0
0

भाग 18उस दिन के पश्चात रामनाथ और शांति प्रतिदिन जब भी अवसर मिलता फुलवारी में पहुंच कर गले मिलते थे , !!यदि रामनाथ पहले पहुंच जाता तो वह जोर जोर से एक गीत गाता , *" बंजारन वो बंजारन ,

19

दोनो प्रेमी का घर छोड़ना

21 जून 2022
0
0
0

भाग 19रघु बंजारा शंभूनाथ के दरवाजे पर खड़ा था , वह शभुनाथ को आवाज देता है ,*" सरदार , सरदार शंभूनाथ , *"!!शंभूनाथ एक अनजान आवाज सुन बाहर आते हैं ,वह रघु

20

शांति की मृत्यु और जीवित होना

21 जून 2022
0
0
0

भाग 20रामनाथ और शांति वही बैठकर जलपान करने लगते हैं , और दोनो ही अपने भविष्य की चिंता करने लगते हैं , शांति को तो अभी से अपने मां और बापू का स्मरण आने लगा था , अब तक के जीवन में पहली बार मां बाप से दू

21

दोनो प्रेमी की लीला समाप्त

21 जून 2022
0
0
0

भाग 21शांति के भगवान कृपा से ठीक हो जाने पर रामनाथ उसका और अपना दोनो का सामान उठाकर उसे साथ ले कहीं किसी गांव या सुरक्षित स्थान पर रुकने की सोच रहे थे, !!!देवी केतकी और क

22

तीसरा जनम

23 जून 2022
0
0
0

भाग 22इंद्र की देवनगरी में उस समय दरबार में नृत्य संगीत का कार्यक्रम चल रहा था ,सभी देवगण उसका आनंद ले रहे थे ,केतकी एक सुंदर नृत्य कर रही थी आज वह बहुत ही उत्तम नृत्य कर रही थी , कर

23

मिल गए प्रेमी

23 जून 2022
1
0
0

भाग 23वीरसेन के पिता जमींदार कुबेर सिंह ने उसके जन्म लेने पर बड़ा समारोह आयोजित किया , निर्धनों को धन बाटा भोजन वितरित किया कपड़े बाटे, उस समय जो भी सामने पड़ा वह खाली हाथ नहीं गया , ,!!वही हाल

24

बंजारन की चाल

23 जून 2022
0
0
0

भाग 24केतकी कर्कोटक के पास पहुंचती है ,कर्कोटक उसे देख चौकता है ,और कहता है ,*" देवी केतकी आज आप मेरे निवास स्थान पर ,मुझे आदेश कर दिया होता वैसे तो मैं स्वयं ही आने वाला था ,*"!!केतकी कहती हैं ,*" मे

25

मिल गई प्रेमिका

23 जून 2022
0
0
0

भाग 25 लक्ष्मी प्रसाद की वार्ता से प्रसन्न हो ,सेठ सामलाल अपनी तैयारी में लग जाते हैं , लाजवंती अपनी माता से कहती है ,*" मां मैं विरसेंन से प्रेम करती हूं ,में और किसी से विवाह नही करना चाहत

26

प्रेमी के घर प्रेमिका

23 जून 2022
0
0
0

भाग 26 दो दिन तक दोनो ही प्रेमी एक दूसरे को देख तड़पते रहे ,*!!दूसरे दिन वीरसेन तड़प कर गीत गाता है *" चल उड़ चले हम पक्षी बनकर , शाम में घर पहुचेंगे ,, जिएंगे जीवन अपने बनाए घों

27

भाग निकले प्रेमी

23 जून 2022
0
0
0

भाग 27 बहुत प्रयास करने के पश्चात भी इन दोनो प्रेमियों को अपनी इच्छा पूर्ति हेतु अवसर प्राप्त नहीं मिल पा रहा था , घर में उपस्थित नौकर चाकर हर समय आगे पीछे लगे रहते थे , अब ये इतने भी दुष्ट प्रवृ

28

राजा ले गए लाजवंती

23 जून 2022
0
0
0

भाग 28दोनो भाई के मारे पूरी रात भागते रहे ,सुबह होते होते वह दोनो बहुत दूर आ गए थे , मार्ग में थक जाने के कारण कई बार वीरसेन लाजवंती को गोद में भी लेकर और कई बार कंधे पर भी बिठा कर भागा था , वह उस गां

29

तीसरा जनम भी गया

23 जून 2022
0
0
0

भाग 30राजा का आदेश मिलते ही ,नदी के किनारे दो पर्णकुटी बना दी जाती है , उसमे रानी के लिए सारी व्यवस्था भी करवा देते हैं ,!!सभी व्यवस्था होने के पश्चात एक अच्छा मुहूर्त देख रानी लाजवंती को सेविका

30

पुनः मिले प्रेमी

24 जून 2022
0
0
0

भाग 29राजा के बारे में सुन , वीरसेन राजमहल के सामने पहुंच कर गीत गाने लगता है ,उसको महल के द्वार पर देख एक सिपाही तुरंत दौड़ कर राजा के पास जाता है ,और कहता है ,*" महाराज की जय हो , महाराज

31

चौथा जनम

24 जून 2022
0
0
0

भाग 31 चौथा जनमदोनो के मृत्यु के पश्चात अमरावती में केतकी के महल में आनंद की लहर दौड़ पड़ती है , वह सभी को मिठाई यह कह कर बटवाती है ,की*" देवक और पुष्पा पुनः अपना जीवन व्यतीत कर अमराव

32

दोनो को गए प्रेम में

24 जून 2022
0
0
0

भाग 33प्रेमचंद और चमेली दोनो ही पेड़ के नीचे अपनी बातों में को गए थे ,तभी ज्ञानचंद कहता है ,,*" राजकुमार फूल एकत्र हो गए हैं ,रानी मां राह देख रही होंगी ,शीघ्र चलो , पूजा में विलम्ब

33

बढ़ गया प्रेम

24 जून 2022
0
0
0

भाग 34राजकुमार प्रेमचंद चमेली को ढूढने लगता है , उसके साथी चुप चाप एक कोने में छुपकर बैठ जाते हैं ताकि उन्हे कोई देख न ले ,!!चमेली अपने घर में माला गूंथ रही थी ,पर उसके कान फुलवारी की ओर थे ,उसे इस बा

34

पकड़े गए प्रेमी

24 जून 2022
0
0
0

भाग 35राजकुमार प्रेमचंद और चमेली दोनो ही प्रेम में इतने दीवाने हो गए थे, जब तक वह दिन में एक बार मिल नहीं लेते तो उनसे रहा नही जाता था,!!कहते हैं ना जब फुलवारी में फूल खिलेगा तो सुगंध तो फैलेगी ही, ऐस

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए