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व्यसन

25 अक्टूबर 2022

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केशव एक 20 वर्ष का सुंदर स्मार्ट नवजवान लड़का है, कहने को तो पढ़ने जाता है, पर 12th क्लास में पिछले 3 साल से फेल हो रहा है,जबकि वो 10th में डिस्ट्रिक्ट टॉपर रहा है,और उसके मां बाप ने उसके बारे मे बड़े बड़े सपने देखने लगे थे,वो उसे डॉक्टर  बनाना चाहते थे, पर कॉलेज में 11th तक तो सब ठीक था,पर 12th के एग्जाम से पहले पता नही उसे कहां से ड्रग्स की आदत लग गई,हो सकता है कॉलेज के ही कुछ लड़कों ने उसे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पाउडर मिलाकर पीने के लिए दे दिया था और उसके बाद उसे उसकी आदत पड़ गई,कुछ नशीले पदार्थ ऐसे होते हैं जिनको एक बार आपने लिया तो बिना उसके रह नहीं सकते,ये उसके साथ इसलिए हुआ क्योंकि वो टॉपर था और उसे फेल कराने की शर्त कुछ बदमाश लडको ने रख दी थी, पर वो ये भूल गए की उनकी इस हरक़त से एक अच्छा खासा परिवार बेहाल हो जायेगा,उसके पिता जो सरकारी ट्रांसपोर्ट विभाग में हेड क्लर्क नौकरी करते थे,वो उसको लेकर हर नशा मुक्ति केंद्र में जा चुके थे,कुछ जगह से वो भाग आया था तो कुछ जगह से उसे उसकी हरकतों की वजह से  निकाल दिया गया ,उसकी मां और छोटी बहन ममता भी परेशान हो जाती थी, हद्द तो तब हो गई जब वो ड्रग्स के लिए पैसे न मिलने पर चोरी करने लगा, और कही भी कोने कोपरे में ड्रगिस लडको के साथ ड्रग पिता हुआ मिल जाता,उनके घरवालों की इतनी बदनामी होने लग गई थी की वो मजबूरन पुस्तैनी मकान छोड़ कर दूसरे स्थान पर रहने चले गए,उसके पिता की सेहत भी अपने जवान और होनहार बच्चे की हालत की वजह से खराब होने लगी थी,उन्हे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज हो गया,करीब करीब मां का वही हाल था,बेचारी छोटी बहन ममता को भी उसकी वजह से बहुत कुछ सहना पड़ रहा था,एक तो उसे वो प्यार और सम्मान नही मिल पाता था जो उसे मिलना चाहिए,और बाहर लोग उसको चरसी की बहन कहकर बुलाते थे,केशव अपनी बहन को बहुत चाहता था,पर नशे ने तो पूरे परिवार को नर्क सा जीवन जीने को मजबूर कर रखा था, केशव को लगता था जैसे वो बिना ड्रग के एक मिनट भी नहीं रह सकता है,।
एक दिन वो ड्रग्स लेकर  छुपकर पीने के लिए एक पुलिया के नीचे गया तो वहा उसे एक छोटी सी कुछ देर पहले ही पैदा हुई एक बच्ची मिली उसकी नाल तक नहीं कटी थी,उसी समय कुछ कुत्ते उसे देख उसे खाने को आगे बढ़ते हैं तो केशव उसे बचाने के लिए पत्थर उठा कर कुत्तों को मारकर भगाता है,वह इधर उधर देखने लगता है की कोई बच्ची का दिख जाए,तभी कुत्ते फिर झपटने की कोशिश करते है, तो वह उस बच्ची को गोद में उठा लेता है,कुत्ते उस पर भौंकने लगते हैं तो वह उसे लेकर घर आता है,उसकी मां उसके हाथ में नवजात शिशु देख घबरा जाती है,वह उस से पूछती है कि ये कौन है कहां से उठा लाया,वह मां को सब बताता है ,तभी आस पड़ोस की कुछ औरते भी आजाति हैं,एक औरत कहती है कैसे दुष्ट लोग है जो बच्चे को जन्म देकर फेक देते हैं,सब अपनी अपनी कहानियां बताने लगते हैं,तभी एक कहती है इसका नाल तो काटो,केशव की मां देवकी सबको देखने लगती है,एक औरत जिसका नाम मंजू है वह उस बच्ची को लेकर केशव के घर  में घुसती है दूसरी औरते भी साथ जाति है बच्ची की नाल काटी जाती है और उसे नहलाया जाता है ,उसे टॉवल से लपेट दिया गया,एक औरत अपने घर से अपने पोती के कपड़े ले आती है ,उसकी पोती भी एक महीने पहले ही जन्म ली थी,इन सब बातों में केशव ड्रग लेना भूल गया,अब बात ये आई इस बच्ची का किया क्या जाए ,सब अपनी अपनी राय देते हैं,केशव कहता है नही ये मेरे घर रहेगी ,उसकी मां कहती हैं इसका खर्चा कौन उठाएगा,दूध दवाइयां और भी बहुत कुछ है,हम तो तेरा ही खर्च नही उठा पाते हैं,इसे कैसे पालेंगे, तभी ममता भी स्कूल से आती है,वह एक नई बच्ची देख खुश होती है,एक औरत केशव से कहती है, तु तो दिन भर नशे में चूर रहता है,इसे कौन संभालेगा वह कहती है इसे बेबी सेंटर पर दे देते हैं,केशव कहता है नही ये यहीं रहेगी, वह कहता है में इसके लिए दूध ले आता हूं और मैं इसे सम्हालूंगा,वह वहा से भागता है,।
थोड़ी देर में केशव दूध और कुछ दवाइयां लेकर आता है,उसके पिता उस पर भड़कते हैं कि तेरा खर्चा उठाया नही जाता तो तु ये मुसीबत क्यों लाया,तभी ममता कान में कुछ कहती है तो उसके पिता केशव को देखते हैं और कहते हैं,इसका खर्च मैं नही सम्हाल सकता तु कर सकता है तो देख वो अंदर जाते हैं वहा देवकी कहती है चार घंटे से उसने नशा नहीं किया है,उसके पिता , आश्चर्य से देखते हैं,।
ममता us बच्ची को गोद में लेकर बैठी कहती है देख तेरे भैया तेरे लिए दूध लाए हैं,दावा भी ले हैं खिलोने भी लायेंगे क्यों भईया वह केशव को देखती है तो वह बोलता है श्योर तुम दोनो के लिए लाऊंगा,वह उसको दूध पिलाने के लिए दूध गरम करने को कहता है,तभी मंजू आती है ,वह भी बच्ची के लिए कुछ सामान ले आई है उसे पता है की इनके घर की हालत ठीक नहीं है दरअसल केशव जो भी छूट पुट चोरियां करता है उसकी भरपाई में ही सैलरी निकल जाती है और न दे तो पुलिस तक मामला जायेगा,तो केशव को परमानेंट चोर का तग्मा लग सकता है,इस डर से कई बार दूसरे चोरी का पैसा भी भरना पड़ा,पर बेटे के मोह में सब करना पड़ रहा था,।
मंजू कहती है केशव इसको रोज़ खिलाना पिलाना पड़ेगा,वह हां में सर हिलाता है,,आज बहुत दिनों बाद केशव इतनी देर घर में वह भी बिना ड्रग्स के रहा था और घर में खाना भी खाया,पर हर समय वो बच्ची को लेकर खुश होता रहा,उस से खूब बाते करने लगा,पूरी रात वह अपने पास लेकर सोया,उसकी गंदगी साफ किया,और उसे मां के बताए अनुसार पानी और दूध पिलाता रहा वह जब रोने लगती तो उसे गले लगा कर चुप कराने की कोशिश करता,।
सुबह बच्ची की रोने की आवाज़ से सभी उठते हैं, तो देखते हैं, केशव गायब है,उनका माथा ठनका वो समझ गए कि वो ये मुसीबत डाल कर फिर गायब हो गया ,ममता बच्ची को उठाती है,तभी एक आदमी आकर कहता है,भाई साहब जरा मार्केट चल कर देखिए आपका बेटा क्या कर रहा है,उसके पिता घबराकर मार्केट की तरफ भागते हैं,उन्हे रोज कोई न कोई यही बताने आता है की कोई पकड़ के चोरी के लिए मार रहा है या फिर रास्ते में ड्रग्स पीकर पड़ा है,और हर बार भागकर उसे बचाना पड़ता है,वो मार्केट पहुंचते हैं तो वहां शांति दिखाई देती है,तो वो चारो तरफ नजर दौड़ते हैं तो एक दुकान से अनाज की बोरिया उठाकर ट्रक में रखने का काम केशव कर रहा था,ये देख उनकी आंख से आंसु निकल पड़ते हैं ड्रग्स के चक्कर मे उसका शरीर कमजोर था और उस पर भी वो बोरिया उठा रहा था पर क्यों,वो केशव के पास पहुंचते हैं तो वह उसे देख बोलता है पापा आप टेंशन मत लो मैं बच्ची का खर्चा उठाऊंगा, और अचानक उसे चक्कर आता है और वह गिरने लगता है तो उसके पिता उसे सम्हालते हैं,उन्हे ऐसा लगता है जैसे आज सही तौर पर बेटे को सम्हाला है,।
3 दिन हॉस्पिटल में रहने के बाद केशव को डिस्चार्ज करते हैं 4 दिन से उसने ड्रग का एक डोज भी नही लिया था, बच्ची उसके पास ही थी क्योंकि बेहोशी में भी बार बार उसको याद कर रहा था,।उसके पिता उस बच्ची का सारा लीगल। फॉर्मल्टी पूरी का प्रॉपर एडॉप्ट करते हैं,उन्हे खुशी इस बात की है की इसी की वजह से उनका बेटा वापस घर आ गया,।
केशव फिर से कॉलेज ज्वाइन करता है और फिर से टॉपर होता है और मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया है ,वो बच्ची भी थोड़ी बड़ी होती है,वह केशव को देखते ही ऐसे खुश होती है जैसे उसकी मां उसके सामने खड़ी है, केशव एक नशा मुक्ति केंद्र का मेंबर भी बन अपने तरह के लडको को सुधारने में संस्था की मदत करता है , उसकी एक नई दुनिया बस गई थी और उसके मां बाप भी खुश होते हैं,केशव पढ़ाई के साथ साथ कुछ बच्चो के टयूशन हुई लेने लगा जिस से घर में भी हेल्प होने लगी और ममता को भी उसका भाई और उसका प्यार  मिल गया वो फिर से अपने पैतृक घर आ गए और लोग अब उसे टॉपर की बहन बोलने लगे,!!

Pradeep Tripathi

Pradeep Tripathi

बहुत सुन्दर और मार्मिक लेख दुबे जी।

26 अक्टूबर 2022

Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

28 अक्टूबर 2022

धन्यवाद जी नमस्कार

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व्यसन
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एक लड़का जिसे नशे की गंदी लत लग गई थी वह हमेशा नशे में मस्त रहता था , अचानक एक दिन जिस पुलिया के नीचे वह छुप कर दूसरे नशेड़ियों के साथ नशा करता था , वहीं एक तीन माह को बच्ची मिल गई ,उसके बाद क्या हुआ पढ़िए व्यसन,,,

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