ुम्हारी सादगी ने इस कदर दीवाना बनाया
सुनार से एक पाजेब खरीदकर ले आया
ये हीरे, ये जेवरात फीके हैं तुम्हारे आगे
मनिहार से बिंदी, सिंदूर खरीदकर ले आया
दुप्पटा भी अच्छा है पर पल्लू की बात अलग
तुम्हारे लिए बनारसी साड़ी खरीदकर ले आया
चांद सितारे तोड़ने का वादा है बेमतलब
बाजार से एक आईना खरीदकर ले आया