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एक लड़की ऐसी थी..

26 जनवरी 2022

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      वो पत्र पत्रिकाएं पढ़ने का शौकीन थी और लिखने की भी। उसके घर मे नवभारत नाम का एक दैनिक समाचार पर आता था। वह न्यूज़ पेज के अलावा भी बाकी खंड भी बड़े शौक से पढ़ा करती थी। उस पेपर में प्रति बुधवार एक साप्ताहिक विचार मंच छपता था जिसमे कोई एक समसामयिक विषय पर पाठकों से विचार आमन्त्रित किये जाते और सबसे बेहतर आर्टिकल को पुरस्कृत भी किया जाता था। हर हफ्ते वह सोचती थी कि वह इस बार लिखेगी ही पर हर बार चूक जाती थी। एक हफ्ते की बात है उसने दृढ़निश्चयी होकर सोची कि इस बार वह आर्टिकल लिखेगी ही और वह न्यूज़ पेपर लेकर ही ऑफिस चली गयी वहीं उसने समय निकाल कर अपना आर्टिकल तैयार किया और वापसी में उसे पोस्ट कर दिया।

    अगले हफ्ते ....बड़ी उत्सुकता थी उसे अपना आर्टिकल पड़ने का उसने चेक किया उसे बड़ी हताशा हुई, लंबी सांस लेकर उसने  पुरुस्कृत विचार चेक किया। अरे ये तो मैं  हूँ!!!! वह खुश हो गयी , उसके आर्टिकल को बेस्ट आर्टिकल माना गया था। उस हफ्ते का विषय था " क्या वीरप्पन कभी पकड़ा जा सकेगा" वीरप्पन एक खूंखार अपराधी..।

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तभी तो कलम को तलवार से भी ज्‍यादा धारदार यूंं ही तो नहीं कहा गया है.... बहुत सुन्‍दर

27 जनवरी 2022

fatima bhartendu miree

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🙏🙏

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एक लड़की ऐसी थी..

12 जनवरी 2022
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     उस दिन उसका जन्मदिन था, दोस्तों ने बोला था कि हम आएंगे, कहीं बाहर चलेंगे  और तुम्हारा जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाएंगे। अगले दिन वह तैयार हुई और एक सहेली के साथ घर से डेढ़ किलोमीटर दूर पक्की सड़क पर आ

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एक लड़की ऐसी थी..

26 जनवरी 2022
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      वो पत्र पत्रिकाएं पढ़ने का शौकीन थी और लिखने की भी। उसके घर मे नवभारत नाम का एक दैनिक समाचार पर आता था। वह न्यूज़ पेज के अलावा भी बाकी खंड भी बड़े शौक से पढ़ा करती थी। उस पेपर में प्रति बुधवार एक सा

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एक लड़की ऐसी थी..

2 फरवरी 2022
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         भोली भाली थी बड़ी, मासूम बहोत, भोंदू भी बहोत थी कोई कुछ कह भी दे तो उसे जवाब नहीं सूझता। चोटिल भी हो जाती पर रियेक्ट नहीं करती पर पढ़ाई में होशियार। उम्र भी बहुत छोटा था फिर भी घर के छुटपुट काम

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हवा हूँ मैं

11 मार्च 2022
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हवा हूँ मैं बहना मेरी फितरत है ,यूँ मेरे साथ बह जाने की ज़िद ना करो . शमा हूँ मैं ज़लना मेरी किस्मत है ,यूँ मेरे साथ जल जाने की ज़िद ना करो  सावालों का सावालों से जवाबो का जावाबों से रिश्ता ये अजिब है

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