उस दिन उसका जन्मदिन था, दोस्तों ने बोला था कि हम आएंगे, कहीं बाहर चलेंगे और तुम्हारा जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाएंगे। अगले दिन वह तैयार हुई और एक सहेली के साथ घर से डेढ़ किलोमीटर दूर पक्की सड़क पर आकर दोस्तों की प्रतीक्षा करने लगी। काफी देर बैठने के बाद दोस्त दिखे नहीं पर वो दोनों बैठी रहीं। कुछ देर बाद दूर से एक साधारण सी कदकाठी की एक लड़की साइकिल से चली आ रही थी, अरे ये तो जया है,,, वह उछल पड़ी। जया उसकी सहेली थी जो काफी दूर गांव से उसी से मिलने चली आ रही थी। अब क्या करें ,, तीनों सोच में पड़ गयीं फिर तय किया कि पास के शहर में पैदल ही चला जाये और कुछ मुह मीठा कम से कम किया ही जाए। तीनो पैदल चल पड़ीं।लगभग पांच किलोमीटर चलने के बाद एक चढ़ाऊँ वाली जगह पर कुछ बच्चे साइकिल पर बोरी में कुछ लादने का प्रयास कर रहे थे। वह अचानक ठिठकी और बच्चों की तरफ मुड़ गयी और उस बोरी को साइकिल पर लदवाया उसकी सहेलियां आगे निकल चुकी थीं, वह भी जल्दी से भागी, अचानक पीछे से आवाज आई- थैंक यू दीदी,, वह मुड़ी और गॉड ब्लेस,,, कह कर आगे दौड़ गयी जिधर सहेलियां मुस्कुराते हुए ठिठकी खड़ी थीं।