जितनी बार भी पीछे मुड़ कर देखना चाहा उतनी ही बार मुझे कोई नजर नहीं आया
मुझे तो ऐसा ही लग रहा था कि यहां पर कोई भूत है जो दिखाई नहीं दे रहा है
लेकिन वह लगातार चल रहा है किसी भी वस्तु का एहसास तब होता है
जब उसकी आवाज आती है या हमें वह दिखाई देती है
लेकिन इसकी तो सिर्फ आवाज ही सुनाई दे रही थी
रात का समय हो चुका था और जल्दी जल्दी घर की ओर जाना था
शायद यही ठीक रहेगा
क्योंकि पता नहीं रात के समय में कौन मेरे पीछे चल रहा जो
काफी देर चलने के बाद जब घर आ गया तो घर के अंदर जाने के बाद मुझे वह कदमों की आवाज बिल्कुल भी सुनाई नहीं दे रही थी लेकिन आज मुझे इस बात का एहसास हो गया था कि शायद कोई तो है जो मेरे पीछे चल रहा था अगले दिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ शायद पिछले दिन की बातों से ऐसा लग रहा था कि वह उस दिन मेरे साथ चल रहा और
लेकिन उसके बाद मैंने उसकी आवाज कभी सुनी नहीं थी कुछ बातें भूतों की ऐसी होती हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत नहीं होती है लेकिन जब आपके सामने ऐसी समस्या खड़ी हो जाती है, suspense thriller stories in hindi, adhuri kahani, तो आपको सोचना पड़ता है कि कहीं कोई भूत मेरे पीछे तो नहीं है