shabd-logo

बेवफा मोहब्बत

11 अगस्त 2022

40 बार देखा गया 40
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
47
रचनाएँ
काव्य-सुधा
0.0
इस किताब में मनुष्य के दैनिक जीवन में होने वाले क्रियाकलापों और दिन प्रतिदिन की जिंदगी में घटित होने वाली घटनाओं से संबंधित लेख कहानियां और कविताएं प्रकाशित की जायेगी। जिसमें मनुष्य के जीवन , प्रकृति और संसार में घटित घटनाओं के विषय में जानकारी उपलब्ध करवाई जायेगी।
1

कॉमनवेल्थ गेम्स -2022

8 अगस्त 2022
1
0
0

हुंकार भरी बर्मिंघम में, भारत मां के वीर सपूतों ने।विजय पताका फहराई , माता के सच्चे वीरों ने।हम नहीं किसी से कम दुनिया में रहे हैं विश्व विजेता हम।हम भारत देश के वासी हैं,भारत मां की गोद में पले हैं ह

2

हमारे खिलाड़ी

8 अगस्त 2022
0
0
0

परचम लहराया दुनिया में,भारत माता के लालों ने।धूल चटा प्रतिद्वंद्वी को,देश के इन रखवालों ने।।आज तिरंगा लहराता है,गगन में ऊंचा सदा रहे।भारत का बच्चा बच्चा,भारत मां की जय कहता रहे।हर तरफ खुशी का हो माहौल

3

आजादी की रात

9 अगस्त 2022
0
0
0

याद रहेगी वह रात सदा,आजादी की खुशियां जन-जन दिल में।वह याद कुर्बानी सदा,जो दे गये जान आजादी जंग में।।रक्त रंजित होकर भी वे,पीछे ना कदम हटाये कभी।हंसते हंसते भारत भू पर,आजादी के सपने सजाए सभी।।जो

4

यादें रह गई इस दुनिया में

9 अगस्त 2022
0
0
0

जो झूल गए फांसी फंदे,वे हमें छोड़कर चले गये।वे भूल गए दुनिया के सुख,वे हमें संदेशा दे चले गये।जननी के दर्द को भूल गए, जन्मभूमि गोद में समा गये।वे अपनी जिंदगी कुर्बान किये,वीर कहानी बना गये।टिकने ना दि

5

घरेलू हिंसा

9 अगस्त 2022
0
0
0

घुटन होती है जब अपनों के बीच रहकर।घुटन होती है जब असमानता अपनों में रहकर।ठगा हुआ सा महसूस करता हूं अपने आप को मैं।पीड़ित कैसे समझूं अपनों के बीच रहकर मैं।देखते है तिरछी और क्रोधित निगाहों से मुझको।दुन

6

क्योंकि मैं रंक हूं

9 अगस्त 2022
0
0
0

पापा के चमन की एक अविकसित कली थी मैं।पापा के सपने में एक सपना थी मैं।सींचा था खून और पसीने से सदा मुझे।सींचा था चमन में खिलने के लिए मुझे।।मुझ कली को सौंप दिया किसी माली पराये को।मैं खुश थी देखकर नये

7

शहर की चकाचौंध में

10 अगस्त 2022
0
0
0

गगनचुंबी इमारतें करती गगन से बातें हैं।सौंदर्य शहर का इसकी अलग ही बातें हैं।।फैशन और मस्ती के नजारे दिखते हैं हर तरफ।कुछ हंसती है मूरत कुछ रोती मूर्ति है इस तरफ।।गांव की बेरोजगार दुनिया भाग रही है इस

8

रक्षा बंधन

10 अगस्त 2022
1
0
0

नारी रूप होती देवी का, अलग-अलग चरित्र में होती है।कभी बहिन कभी मां बनकर, हमको जन्म यह देती है।।ममता की बन मूरत माता, पुत्र जन्म को देती है।बहिन-भाई का प्रेम है अनुपम,प्रेम का बंधन रखती है।।रक्षाबंधन प

9

आजादी

11 अगस्त 2022
0
0
0

सीने में ज्वाला फफक उठी,भारत के वीर जवानों के।जय हिन्द का विजय घोष कर,खून खोला तन हिन्द जवानों के।।अब दासता का अंत कर देंगे,मरते दम ना चुप ना बैठेंगे।चाहे कितना भारी दुश्मन हो,हम उसको धूल चटा देंगे।।व

10

बेवफा मोहब्बत

11 अगस्त 2022
0
0
0

विश्वास की एक डोर थी,तूने से तोड दिया।मेरी जिंदगी के मकसद को,किस तरफ मोड दिया।।मैं चाहता था जिंदगी जीना,अब जीने का मकसद नहीं।जहां पर तु रहे,खुश रहना प्रिय वहीं।।चाहता हूं रब से सदा सलामती तेरी जिंदगी

11

आजादी के गुमनाम नायक

12 अगस्त 2022
1
1
1

आजादी के वीर सपूत जो गुमनामी में खो गये।जो देश प्रेम में भारत मां की गोदी में सो गये।।जो दिल में ज्वाला रखते थे दुश्मन के छक्के छुड़ाते थे।जो आजादी को पाने में,खून से लथपथ हो जाते थे।।कुछ गुमनाम हुए व

12

बेरोजगारी और राजनीति

12 अगस्त 2022
4
2
1

राजनीति हो गई मोह माया, वंशवाद ने डेरा जमाया।स्वार्थ मनुज हो गया देश का, भ्रष्टाचार बुरी तरह छाया।।देश विकास किया जाता है, स्वहित देख इस दुनिया में।मतलब की दुनिया बसती है,शोर मचा इस दुनिया में।।युवा भ

13

जननी तेरी क्या है कहानी

13 अगस्त 2022
0
0
0

जननी तेरी क्या है कहानी ,हर तरफ चल रही मनमानी । दर्द बढ़ रहा तेरा हर पल ,गम में पढ़ रही जिंदगी बितानी । ममता का तूने फर्ज निभाया ,सब सपनों को तूने लुटाया । मुँह का निवाला छोड़कर तूने

14

अमृत महोत्सव मनाएं कैसे

13 अगस्त 2022
0
0
0

अपने बैचेन दिल को आज हम समझाएं कैसे?मानव को पीड़ामुक्त किए बिना सुधा महोत्सव मनाएं कैसे?कैसा होगा अमृत महोत्सव‌ फुटपाथों पर भूखे जन संग?कैसे मिटेगी जन की झौपडियों में तड़प रहे जन?बेरोजगारी की मार झेल

15

अमृत महोत्सव मनाएं कैसे

13 अगस्त 2022
0
0
0

अपने बैचेन दिल को आज हम समझाएं कैसे?मानव को पीड़ामुक्त किए बिना सुधा महोत्सव मनाएं कैसे?कैसा होगा अमृत महोत्सव‌ फुटपाथों पर भूखे जन संग?कैसे मिटेगी जन की झौपडियों में तड़प रहे जन?बेरोजगारी की मार झेल

16

आजादी की शाम

14 अगस्त 2022
0
0
0

नमन करें हम वीर शहीदों के त्याग और बलिदान को।नम नयन कर करते प्रणाम,उनके मान और सम्मान को।।भारत भूमि की सेवा में, हंसते हंसते बलिदान हुए।अंतिम क्षण तक लड़ते लड़ते प्राण देश को त्याग दिए।।आज तिरंगे के न

17

अमृत महोत्सव कैसा होगा

14 अगस्त 2022
1
0
0

अमृत महोत्सव कैसा होगा,कैसी होगी आजादी।हीन मानसिकता जो ले बैठे,हीन चरित्र के आदी।।तोड रहे प्रकृति की विधि,मानव संग में दुर्व्यवहार करें।क्यों स्वहित में दरिंदों,मानव का संहार करें।।जाति व्यवस्था खत्म

18

पूर्ण आजादी

15 अगस्त 2022
1
2
0

धन्य है उन वीरों को ,जो देश की खातिर चले गये। नमन सदा करता हूं, जो आजाद देश को करा गये।। आजादी की खातिर ,जो सीने में गोली खा गये थे। कुछ वीर झूल गये फांसी ,देश आजाद करा गये थे।। आजादी मिल गई देश को,मा

19

छुआछूत

15 अगस्त 2022
2
3
1

छुआछूत जो करते है,उनको दुनिया का ज्ञान नहीं।जो छुआछूत को मिटा सके, दुनिया का कोई विज्ञान नहीं।तन मिट्टी का बना हमारा,जब मिट्टी में मिल जायेगा।उस मिट्टी से उपजा अन्न जन,उसको क्या नहीं खायेगा।।उसी मिट्ट

20

आजादी के नायक

16 अगस्त 2022
5
1
1

नमन करूं मैं सदा उनको,जो भारत मां के लाल थे।जो जान की बाजी खेल गये,हम उस समय बदहाल थे।।जो आजादी के रण मैदानों में,खून की होली खेल गये।जो भारत माता की रक्षा में,फांसी के तख्ते झूल गये।।जो भय से भयभीत त

21

जातीय हिंसा

17 अगस्त 2022
3
1
0

संविधान हमारा है समता का भाव सिखाता है।जाति,धर्म का भेदभाव हर जन के मन से मिटाता है।।जो जाति हिंसा करते हैं मानवता के घोर विरोधी है।जो मानव तन से घृणा करते हैं वे देश प्रगति अवरोधी है।।जाति है जो जाती

22

प्रकृति का सुहाना सफर

19 अगस्त 2022
0
1
0

जिंदगी का सुहाना सफर हो,प्रेम की बरसात हो जीवन में।हर रिश्ते से प्रेम करें ।कोई राग द्वेष ना हो जीवन में।।प्रकृति के हर रुप से,सदा हम प्यार करें।छटा अनुपम बिखेरती है प्रकृति,हर रूप का हम दीदार करें।गि

23

अभी खुशी कभी ग़म

20 अगस्त 2022
0
1
0

जिंदगी है मंजिल उतार चढ़ाव की।जिंदगी है सपना ऊंचे ख्वाब की।।जिंदगी के लिए मनुष्य करो ना गम।जिंदगी में रहता है कभी खुशी कभी गम।।सुख में प्रसन्नता ना तुम करो।दुख में दुखी ना तुम करो।जिंदगी के पल हंसते-ह

24

आजादी के पंख उगाएं कैसे

21 अगस्त 2022
0
0
0

आजादी की बातें करते, गुलाम बनाने में लगे हुए।आम जन के हक छीनकर,दास बनाने लगे हुए।जो गगन उड़ानें भरकर, दुनिया को दिखाना चाहता है।पंख काटने के लिए उसके ,खेल रचाया जाता है।।दम तोड़ती प्रतिभायें, रिश्वतखो

25

गुरू

22 अगस्त 2022
0
0
0

गुरू दक्षिणा मानव जीवन में,ज्ञान कौशल को बढ़ाना है।ज्ञान बिना पशु सम जीवन, गुरु बिना ना मिले किनारा है।।हर मानव की शोभा ज्ञान है,ज्ञान बिना जीवन है अधूरा।ज्ञान की कीमत है जीवन में, जीवन लक्ष्य नहीं हो

26

इश्क का इजहार

23 अगस्त 2022
1
1
0

गगन के नीचे पावन धरा पर खड़े हुए।अश्क है खुशी के चक्षु में अरमान दिल में रखते हुए।गवाह है चांद तारे उजियाली रात में।हम दोनों अकेले है प्यार की इस रात में।।सजाया है प्यार का सदन, फूलों के जमन जैसा।सुबा

27

आनलाइन और आफलाइन शिक्षा

23 अगस्त 2022
3
1
0

आनलाइन शिक्षा सुविधा देने लगी है घर घर में।कुछ लाभ हुए कुछ नुकसान मनुष्य के जीवन में।।आनलाइन शिक्षा से बच्चे गुलाम हो गये है मोबाइल के।आंखें हो रही कमजोर चिड़चिड़ापन होने लगा इस आदत से।।बच्चे हो गये ह

28

भूली बिसरी यादें

24 अगस्त 2022
0
0
0

कुछ यादें जब याद आती है,कभी हंसाती कभी रूलाती है।कुछ यादें हमें वीरता सिखाती है।कुछ हमें प्रेम के गीत सिखाती है।जिंदगी परिवर्तन के लिए संदेश देती कुछ यादें।गुमनामी को सम्मान देती है कुछ यादें।जीवन के

29

बायकाट कल्चर

25 अगस्त 2022
0
0
0

मेरे भारत के संस्कार और संस्कृति,दुनिया से अलग है।नाना विधि के रंग बिखरे,जैसे चमन में बिखरे सुमन है।।नाज़ करते हम ,हमारी संस्कृति और सभ्यता पर।लोग जानते हैं हमारे संस्कारों से,नहीं है हमें किसी का डर।

30

बायकाट कल्चर

25 अगस्त 2022
0
0
0

मेरे भारत के संस्कार और संस्कृति,दुनिया से अलग है।नाना विधि के रंग बिखरे,जैसे चमन में बिखरे सुमन है।।नाज़ करते हम ,हमारी संस्कृति और सभ्यता पर।लोग जानते हैं हमारे संस्कारों से,नहीं है हमें किसी का डर।

31

बायकाट कल्चर

25 अगस्त 2022
0
0
0

मेरे भारत के संस्कार और संस्कृति,दुनिया से अलग है।नाना विधि के रंग बिखरे,जैसे चमन में बिखरे सुमन है।।नाज़ करते हम ,हमारी संस्कृति और सभ्यता पर।लोग जानते हैं हमारे संस्कारों से,नहीं है हमें किसी का डर।

32

मेरे गांव के रंग निराले

25 अगस्त 2022
2
2
1

मेरा देश के गांव निराले,जहां बसती देश की आत्मा।अन्न जल पवन शुद्ध मिले यहां,यहां जन में बसते परमात्मा।।यहां मनुष्य के मन में,प्रेम दया बंधुत्व बसता है।यहां मानव की अहमियत है,धन मानव से सस्ता है।।हरियाल

33

तेरा दीदार जरूरी है

26 अगस्त 2022
0
0
0

संग उसका रहे सदा जीवन में,सही ना जाये दूरी है।प्रेम की मूरत है वह मेरी,उसका दीदार जरूरी है।।फूलों जैसी मुस्कान है उसकी,चमक चांद सी चमक रही।गगन चांदनी उतर धरा पर,उसके मुख पर पड़ रही।।तोड रही यह भ्रम दु

34

जल संरक्षण

26 अगस्त 2022
1
0
0

जल बचाना लक्ष्य बनाओ,यह जीवन को वरदान है ।जल संरक्षण के कदम बढ़ाओ,नहीं मच जाये तूफान है।।व्यर्थ में ना जल को बहाओं, जल बरसाने तरू उगाओ।खुद जागो और लक्ष्य बनाओ, जल बचाने को सबको जगाओ।।जल से ही जनजीवन ह

35

चल अकेला

27 अगस्त 2022
0
0
0

हे मनुज तू चल अकेला,तेरी मंजिल दूर है।संग नहीं चलेगा तेरे,सब स्वार्थ से भरपूर है।।तेरे संतापों को झेलने, कोई संग नहीं आयेगा।सब साथी सुख के है बंदे,दुख में ना साथ निभायेगा।।धन के मोह पढ़कर के तू, दुनिय

36

बचपन तेरा गया नहीं

27 अगस्त 2022
0
0
0

बचपन तेरा गया नहीं,अभी तेरा मन चंचल है।मां की गोदी में सो जाता,प्यारा तुझे मां का आंचल है।।ललचाता है यह तेरा मन,जब मां के कर खाना बनाते हैं।मां जब तुझको प्यार करें,बचपन के दिन याद आते हैं।।जब मुस्कान

37

धार्मिक उन्माद

27 अगस्त 2022
4
3
0

धर्म की हमें मिली आजादी, संविधान देता अधिकार। हर धर्म का सम्मान करो जन,सभी धर्म है पालनहार।। जो धर्म की आड़ में जुल्म कर रहे,करें मनुज पर अत्याचार। धर्म विरोधी जो जन होते,रहे मनुज को झूठे मार।। राजनी

38

आदि से अंत तक मनुज अकेला

27 अगस्त 2022
0
0
0

आदि से अंत तक मनुज अकेला,करता जन किस पर अभिमान।टूट जाये जब सांस की डोरी,पहुंचे अकेला तू शमसान।।किसके लिए बैचेन जगत में,करता जीवन संग घमासान।जब से कदम रखा धरा पर,मां बाप का है अहसान।भूल ना जाना कर्ज है

39

कुदरत का कहर

28 अगस्त 2022
0
0
0

कुदरत ने हमें दिया है सब कुछ,जीवन जीने को पदार्थ।रक्षा करो तुम मिलकर उनकी,करो ना वस्तु कोई व्यर्थ।।जल पवन के संग मत खेलो,व्यर्थ करो ना जल समीर।सरिता सागर शांत है जब तक,अशांत हो देगी कठिन पीर।।जल प्रदू

40

भारत और पाक मैच

28 अगस्त 2022
4
2
0

जन जन में जोश उतर आता,जीत जुनून है छा जाता।बच्चा बच्चा भारत भू का,मैच देखने अड जाता।जन जन की आंखें टिकी रहती,भारत के खेल खिलाड़ी पर।चारों तरफ शोर मच जाता,जब खेले खिलाड़ी मैदान पर।।हर तरफ खुशी छा जाती

41

अनुभव

29 अगस्त 2022
0
0
0

अग्नि में अयस की भांति , हर दिन में जल रहा हूं। पूर्व में कठोर था मैं, शनै शनै पिघल रहा हूं।। आवेश था मेरी फितरत में, धीरे धीरे कम हो रहा। मेरा यह कठोर हृदय, वक्त संग निर्मल हो रहा।। देखा नहीं दुनिया

42

अवैध निर्माण

29 अगस्त 2022
7
4
4

निर्माण अवैध हो रहे हैं,राजनीति की परछाईं में।कूद रहे आम आदमी में,अपनी बर्बादी की खाई में।।घूसखोर हो रहे अधिकारी ,नेता भी पीछे नहीं हटते।सरकारी सम्पत्ति का सौदा,घूसखोरी से करते।।महंगाई की अति मार पड़

43

चाय की चुस्कियां

31 अगस्त 2022
1
2
0

चाय और दोस्त ने आये बहार की तरह। हुई थी दोस्ती एक शुरूआत की तरह।। चाय की वह थडी जहां पर हम मिलते थे। चाय की चुस्की के साथ दिल की बातें करते थे।। धरा और गगन था गवाह हमारी उस दोस्ती का। चाय ही शुरूआत थ

44

हरियाली तीज

31 अगस्त 2022
1
0
0

सुहागनें अपनी के हर बिताती हैं सुहाग के लिए।करती है सिंदूर की हर वक्त रक्षा लंबी उम्र के लिए।।प्रेम के सागर में गोते खाती है हर घर की पत्नियां।अपने पति के लिए लम्बी उम्र की कामना करती है पत्नियां।।नार

45

इश्क

1 सितम्बर 2022
1
0
0

इश्क का सफर आसान नहीं है जिंदगी में।हर राह की मंजिल दुष्कर है जिंदगी में।।मैं इश्क के चक्कर में मदहोश हो गया।प्यार के सफर में मशगूल हो गया।।इश्क में विश्वास की कीमत।रम गया में देख इश्क का सूरत।रहता हू

46

मेरे देश की धरती

17 अक्टूबर 2022
0
0
0

धरा देश की मेरी न्यारी,लगती है मेरे दिल को प्यारी। जीवन मैने इससे पाया,मंद-सुगंध महक है न्यारी।। इसके कण-कण में सोना,मेरे जीवन का सुखद बिछौना। गिरते-उठते खडा किया हर जन,अंत समय इसी में मिलना।। म

47

लाचारी

17 अक्टूबर 2022
0
0
0

जनता के सपने होते हैं, सियासत की उम्मीदों पर। सियासत देश प्रेम करेगी, खुशियां देगी हर घर घर।। सियासत पर बैठे जो लोग, जनता के सपने तोड रहे मत के बदले किये थे वादे, उन वादों को तोड रहे। गड

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए