मनुष्य की ज़िंदगी बड़ी ही कठोर और संघर्षशील होती है । आज के परिवार विखंडन का कारण किसी को स्पष्ट तौर पर पता ही नहीं हो प रही है । एक तरफ तकनीक की दुनिया में सोशल मीडिया और मनोरंजन की दुनिया मई व्यस्त होती हुई जिंदगियाँ और दूसरी तरफ भारतीय संस्कृति और संस्कारों को भूलते हुए लोग पाश्चात्य सभ्यता के पूरी तरह गुलाम हो गए है । घर मे सास बहू के बढ़ते हुए झगड़े दहेज और आपसी ईर्ष्या से ही नहीं बल्कि घर की असमानता भी परिवार मैं तूफान मचा कर रख देती है ।
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