जिंदगी की सामाजिक स्थिति और समाजिक सुरक्षा के लगती हुई सेंध का और समाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विचारों की चलती हुई मंद-सुगध हवाओं को शब्दों की माला में पिरोकर रखने वाली इस दैनिक डायरी को रंग बिरंगे फूलों से गुंथा जा रहा है।
लेखक इंजीनियर शशिकुमार मूलतः राजस्थान प्रांत के करौली जिले के छोटे से गांव में पैदा हुए हैं। जिन्होंने अपनी प्रारम्भिक पढ़ाई गांव के स्कूल से ही किया है।
इसके बाद इन्होंने राजस्थान के कोटा विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री समाजशास्त्र