लोग
लोग शंका करते हैंमेरे *अनुमान* का,, लेकिन में कहता हूँ आज जन्मोत्सव हैं विर *हनुमान* का,, हम सब तो कर्म करते हैं ऐसेकी जग मे हमारा *सम्मान* बढ़े,, लेकिन उनके कर्म थे ऐसे जिससे जग मे राम का *मान* बढ़े,, जय जय श्री हनुमान की,, रक्षा करना पवन पुत्र हिन्दुओं के आन, बान और शान की,, *विचारक**भाई मंशीराम द