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भावना अच्छी रखौ,,

11 नवम्बर 2016

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मेरे लिखने की एक खास वजह है,की बहुत सारे मित्रों ने मेरे लिखने की कला को जाना है,समझा है, और कहते हैं कि आपको तो कविता लिखनी चाहिए,हालांकि में कविता एवं लेख आदि लिखता हूँ, लेकिन उनके कहने का मतलब है कि अधिकतर अपना समय लिखने मे गुजारें ताकि आपके लेखों से संसार और समाज के लोगों मे सुसंस्कार आवै ,में उनकी भावनाओं का आदर करता हूँ,की उन्होंने मुझे लिखने के लिए और मजबूत बनाया है, और मेरे एक मित्र ने कहा आप बहुत अच्छा लिखते हो आपका लेखन मुझे बहुत पसंद आया,में उनका बहुत बहुत आभार प्रकट करता हूँ,धन्यवाद देता हूँ,की इसी तरह आप अपने विचारों से मेरा मार्गदर्शन करते रहना ताकि मुझे मेरे लिखने पर गर्व हो,, में हमेशा कोशिश करता रहूँगा की में मेरी इन अनपढ़ रचनाओं को पढ़ाकर इस युग मे कुछ परिवर्तन ला सकूँ •----|||| मेरा लिखना और मेरा सोचना अगर आपको पसंद आये •-- तो एक सन्देश के जरिये आप मुझे बताये •----||||||| महलों रो शौक कोनी जीवन गुजार दूं झोंपड़ा मे, खिर पुड़ी री शौक कोनी राजी रहूँ रोटी रा टुकड़ा मे,, जरुरी नहीं खुशियाँ ही मिले खुश रहूँ जीवन रा दुखड़ा मे,,, अपणे पराये री पर्ख कोनी सब रो सम्मान राखूं म्हारे हिवड़ा मे,,,, कोई भी ईता साफ नहीं हैं जिता दिखे साफ कपड़ा मे,,,,, जिन्दगी ने सरल बनाओ भाई कांई मिले थाने लफड़ा मे,,,,,, सम्बन्ध राखणौ हैं जीवन भर तो व्यवहार करों रोकड़ा मे,,,, अकल रा टोटा बुढ़ा कनै कई कमी काडू कन्हैया टिपुड़ा मे,,, पड़ौसीयो री नित बदलगी सावधान रहिज्यौ सुथोड़ा थे ,,,, ध्यान राखों गली गली मे घुसपैठ घूमे बजावता रैवोला मोरुड़ा थे,, आपसी लड़ाई बन्द करों नहीं तो दिन देखोला "मंशीराम" आजादी रा जाथौड़ा थे,,,,,,,, प्रत्येक रचना मेरी अपनी रचना है, इसलिए मेरा नाम लिखना मेरा अहंकार नहीं मेरा अधिकार समझें,;;;;;;;;"" •-------धन्यवाद सा--------• •-------लेखक भाई मंशीराम देवासी बोरुंदा जोधपुर राजस्थान 📱 9730788176

मंशीराम देवासी की अन्य किताबें

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म्हारौ नानाणौ

11 नवम्बर 2016
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👉🏻--'' म्हारौ नानाणौ ''--👈🏻माँ रो गांव जिण ने राजस्थान मे नानाणैं रे नाव सूँ जाणै, इण ने अलग अलग नाव सूँ भी पुकारै हैं,, ज्यूं नानेरौ, मामाळ, नानाणौ ननिहाल आदि --नानाणैं री एक विशेष बात आ हैं,, बठै माँ रै नाव सूँ पहचाण मिले, कहणैं रो मतबल है सा '' के बाई रे नाव सुँ ही भिरा ओळखीजै, टाबरा वा

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भावना अच्छी रखौ,,

11 नवम्बर 2016
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मेरे लिखने की एक खास वजह है,की बहुत सारे मित्रों ने मेरे लिखने की कला को जाना है,समझा है,और कहते हैं कि आपको तो कविता लिखनी चाहिए,हालांकि में कविता एवं लेख आदि लिखता हूँ,लेकिन उनके कहने का मतलब है कि अधिकतर अपना समय लिखने मे गुजारें ताकि आपके लेखों से संसार और समाज के लोगों मे सुसंस्कार आवै ,में उनक

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मनुष्य की कीमत को पहचानो

11 नवम्बर 2016
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मनुष्य की कीमत को पहचानों,,राम -राम सा ।।।**एक बार फिर मेरे लिखने के प्रयास को सफल बनाने मे आप सभी अपना अपना सहयोग दें,,•---आप सभी बुद्धिजीवियों को पुनःमेरा राम राम सा•----|||में दिल की बीमारियों से बचने के लिए आजकल दिल से लिखना और सोचना कम कर दिया हूँ,,लेकिन मनुष्य की घट रही कीमतों ने मुझे लिखने क

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गणतंत्र दिवस

31 जनवरी 2017
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गणतंत्रदिवसरीशुभकामनाएं

31 जनवरी 2017
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लोग

11 अप्रैल 2017
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लोग शंका करते हैंमेरे *अनुमान* का,, लेकिन में कहता हूँ आज जन्मोत्सव हैं विर *हनुमान* का,, हम सब तो कर्म करते हैं ऐसेकी जग मे हमारा *सम्मान* बढ़े,, लेकिन उनके कर्म थे ऐसे जिससे जग मे राम का *मान* बढ़े,, जय जय श्री हनुमान की,, रक्षा करना पवन पुत्र हिन्दुओं के आन, बान और शान की,, *विचारक**भाई मंशीराम द

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