इस साल तो वर्षा ने राजस्थान में सौ साल का रिकॉर्ड ही तोड़ दिया| जहाँ कभी वर्षा ऋतु में केवल एक या दो बार बारिश हुआ करती थी इस बार वहां पुरे सावन बारिश हुई | अब गर्मीयों में गर्मी का तापमान 49 डिग्री तक जाना आम सा हो चला है| गर्मियों का मौसम थोड़ा लम्बा भी खिचने लगा है| पहले यह सात महीने का हुआ करता था | अब यह लगभग साढ़े सात महीने का गया है| सर्दियाँ कम पड़ने लगी है| जो की छोटी हो कर दो महीने की रह गई है और वर्षा ऋतु में भी कुछ ऐसा ही हो गया है| यह सब ग्लोबल वार्मिंग की वजह हो रहा है|
क्या है ग्लोबल वार्मिंग
ग्लोबल वार्मिंग अर्थात वैश्विक तापमान अगर साधारण भाषा में बात करें तो वैश्विक स्तर पर तापमान का बढ़ना ही ग्लोबल वार्मिंग कहलाता है| वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी होने से वायुमण्डल में पानी की मात्रा बढ़ जाती है | जिससे बादल के फटने व भयानक बारिश होने संभावना बढ़ जाती है| ग्लोबल वार्मिंग कि वजह से जंगलों में आग लगना, लू चलना,तूफान,सूखा पड़ना होता है| कभी सुनामी तो कभी ताउते हर साल कोई न कोई तूफान आता ही रहता है| यह सब ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हो रहा है |
ग्लोबल वार्मिंग का कारण
आधुनिक युग में मानव जाति ने जब से विकास किया है| तब से ग्लोबल वार्मिंग ने धीरे धीरे बढ़ना शुरू किया है| जितने अधिक कारखाने बढे हैं उनसे गैसों का उत्सर्जन तेजी से बढ़ा है | ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने का काम मुख्य रूप से ग्रीनहॉउस गैसो ने किया जैसे कार्बन डाई ऑक्साइड, मेथेन, नाइट्रस ऑक्साइड ,ओजोन| ग्रीनहाउस गैसों के अतियाधिक मात्रा में उत्सर्जन से भी तापमान में काफी इजाफ़ा हुआ है||
ग्लोबल वार्मिंग का निवारण
ब| ढ़ते शहरीकरण की वजह से जंगलो का सफाया तेजी से होने लगा है | अगर हमेंग्लोबल वार्मिंग से बचना है तो हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने होंगे| तभी यह प्रकृति द्वारा दिया गया उपहार बचा सकते हैं| इसके लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहीये और जो बच्चा पौधे लगा कर उसकी देखभाल करता है| उसे इसकेलिए विद्यालय से पाँच या दस नंबर मिलने चाहिए ताकि बच्चों में उत्सुकता बनी रहे | बड़ो को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि यह बच्चों के भविष्य बात है | इसके अलावा इ व्हीकल व सोलर से चलने वाली उत्पादों को लोगों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचाना पड़ेगा |