गोपाल अद्विक
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मैं कला वर्ग में स्नातक हूँ। लेखन मेरी रुचि है। मुझे लगता है कि लेखन ही एक ऐसा माध्यम है जो मेरे व्यक्तित्व को सम्पूर्ण रूप से व्यक्त कर सकता है। मैं इस उक्ति में विश्वास करता हूँ जो लेखन की महत्ता को सही प्रकार से परिभाषित करती है - "लेखन आँखों से नींद उड़ा सकता है।"
कहती है डायरी कुछ
कुछ मन के भाव हैं, भावों से मैंने शब्द लिखें हैं, शब्दों में कुछ बातें हैं और बातें आपसे करनी हैं।
कहती है डायरी कुछ
कुछ मन के भाव हैं, भावों से मैंने शब्द लिखें हैं, शब्दों में कुछ बातें हैं और बातें आपसे करनी हैं।