आम्रपाली ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूटेस हल्द्वानी - स्पन्दन् २०१६ (२७ - २८ फरवरी)
पाकिस्तान के एक गाँव में रामफल रहता था ,उसका परिवार ही बस हिन्दू था पुरे गाँव में ...एक दिन उसका बाबु गुजर गया तो वो गाँव केसरपंच के पास गया और बोला सरपंच जी मेरे बाबुका देहांत हो गया है मुझे उनका अंतिम संस्कारकरना है,वो सरपंच बोला देख रामफल ये मुसलमानों कागाँवहै यहाँ तो बस तुम दफना सकते हो ,बेचारार