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आम्रपाली ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूटेस हल्द्वानी - स्पन्दन् २०१६ (२७ - २८ फरवरी)

9 जनवरी 2016

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featured imageपाकिस्तान के एक गाँव में रामफल रहता था ,उसका परिवार ही बस हिन्दू था पुरे गाँव में ...एक दिन उसका बाबु गुजर गया तो वो गाँव केसरपंच के पास गया और बोला सरपंच जी मेरे बाबुका देहांत हो गया है मुझे उनका अंतिम संस्कारकरना है,वो सरपंच बोला देख रामफल ये मुसलमानों कागाँवहै यहाँ तो बस तुम दफना सकते हो ,बेचारारामफलउस टाइम तो मान गया और अपने बाबु कोदफना दिया !.पर उसको चैन नही आया और सोचने लगा की जबतक बाबुकी चिता को आग नही मिलेगी तबतक उनकी आत्मा को शांतिनही मिलेगी ,इसलिए कुछ तो करना पड़ेगा,.जब थोड़ी सी रात हुई तो वो कब्रिस्तानगया औरअपने बाबु कोकब्र से निकाल कर साथ वाली कब्र में लेटाआया और सुबहसरपंचके पास गया और बोला सरपंच जी बहुतबड़ी गड़बड़ होगी कारकी चाबी मेरे बाबु की जेब मेंही रह गयी है इसलिएएक बार कब्र खोदने पड़ेगी सरपंच उसकी बातमान कर कुछआदमियों को कब्र खोदने के लिए ले गया जबकब्र खोदी तोरामफल का बाबु उसमे नही मिला ये देख कर सबहेरानहो गये और सोचने लगे की लाश कहा गयी,.तभी रामफल बोला,सरपंच जी मेरे बाबु तो सुबह घुमने की आदतथी और वो घूमतेघूमते दूर दूर तक चले जाते थे इसलिए हो सकता हैकी किसी दूसरीकब्र में चले गये होंगे, सरपंच बोला ऐसा नहीहोता, रामफलबोला,.आप मेरे बाबु को नही जानते,वो कही भी जा सकते हैं सरपंच नेउसकी बात मान कर 2-3 कब्र औरखुदवा दी,और फिर रामफल काबाबु एक औरत की कब्र में मिला वो कब्र सरपंचकी पत्नी की थीऔरउसके बाबु को अपनी पत्नी के साथ लेटा देख करसरपंच को आग सीलाग गी और बोला जल्दी से इसको अग्नि देदो वरना ये कलकिसी और  के साथ मिलेगा ......!!!!!!

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शाहीन ख़ान

शाहीन ख़ान

लेखक कहीं से भी हास्य निकाल सकता है ……बहुत खूब गोपाल जी !

9 जनवरी 2016

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राम फल के बाबु की कब्र

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पाकिस्तान के एक गाँव में रामफल रहता था ,उसका परिवार ही बस हिन्दू था पुरे गाँव में ...एक दिन उसका बाबु गुजर गया तो वो गाँव केसरपंच के पास गया और बोला सरपंच जी मेरे बाबुका देहांत हो गया है मुझे उनका अंतिम संस्कारकरना है,वो सरपंच बोला देख रामफल ये मुसलमानों कागाँवहै यहाँ तो बस तुम दफना सकते हो ,बेचारार

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आम्रपाली ग्रुप ऑफ़ इंस्टीटूटेस हल्द्वानी - स्पन्दन् २०१६ (२७ - २८ फरवरी)

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पाकिस्तान के एक गाँव में रामफल रहता था ,उसका परिवार ही बस हिन्दू था पुरे गाँव में ...एक दिन उसका बाबु गुजर गया तो वो गाँव केसरपंच के पास गया और बोला सरपंच जी मेरे बाबुका देहांत हो गया है मुझे उनका अंतिम संस्कारकरना है,वो सरपंच बोला देख रामफल ये मुसलमानों कागाँवहै यहाँ तो बस तुम दफना सकते हो ,बेचारार

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