लड़की होना मेरे लक्ष्य पर पड़ा था भारी जिस स्याही से मेरी किस्मत लिखी वह थी काली । आंखें बंद कर जिन अपनों पर विश्वास किया उन्हीं ने तो मेरी सभी ख्वाहिशों का गला घोटा । जो बोलते थे कि लड़का लड़की में कोई भेद नहीं वें सभी दिखावे की बातें थी उनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं । इल्जाम तो हजारों है लेकिन उसे बयां करूंगी नहीं सिर्फ अपना ही दिल दुखेगा किसी का कुछ बिगड़ेगा नहीं । हकीकत जिंदगी की अब मैं जान चुकी हूॅं किस्मत में जो लिखा नहीं था वह मुझे कैसे मिल जाता यह मैं मान चुकी हूॅं । धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻 " गुॅंजन कमल " 💗💞💓
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