बरसात का दिन था दो कपल बहुत ही तेजी से खाली रोड पर कार से जा रहे थे वह दोनों एक फंक्शन अटेंड करके आ रहे थे। लड़की का नाम प्रिया था और लड़के का नाम आदर्श था प्रिया बोलती है आदर्श अभी घर कितनी दूर है अभी 1 घंटे और लगेंगे अभी वह दोनों बात कर ही रहे थे कि उनके सामने दो रास्ते आ जाते हैं एक रास्ता जो जंगल से होकर जाता था और दूसरा रास्ता हाईवे रोड से होकर जाता था लेकिन हाईवे वाला रोड लंबा था और उससे जाने में ज्यादा देर लगती है और जंगल का रास्ता छोटा था उसे जाने में कम समय लगता तो उन्होंने जंगल वाला रास्ता ले लिया लेकिन यह उनकी सबसे बड़ी गलती थी उन्हें जंगल वाला रास्ता नहीं लेना था क्योंकि उस जंगल में एक हांटेड हवेली थी जिसके बारे में उन दोनों को कुछ भी नहीं पता था कहते हैं जो भी आज तक उस हवेली में गया वह कभी लौटकर नहीं आया तो वह दोनों जंगल वाले रोड से जाने लग जाते हैं उन्हें भेड़ियों की रोने की आवाज़ सुनाई दे रही थी और मौसम भी खराब होने लग जाता है अचानक से अंधेरा होने लग जाता है और वह लोग अपने सामने एक हवेली को देखते हैं जो की देखने में काफी खूबसूरत लग रही थी मानो स्वर्ग से कोई स्वर्ण महल उतर कर आया हो उस महल में एक छोटा सा गार्डन था जिसमें रंग बिरंगे फूल लगे थे और उन फूलों में से बहुत अच्छी महक आ रही थी जो किसी भी इंसान को अपनी और मोहित कर ले वह गार्डन और वह महल किसी हीरे की तरह चमक रहे थे अभी वह दोनों इस खूबसूरत नजारे का आनंद ले ही रहे थे कि तभी बहुत तेज बारिश होने लग जाती है और फिर प्रिया आदर्श से प्यार से बोलती है सुनो ना बारिश बहुत तेज हो रही है तो क्यों ना हम इस महल में घूमने के लिए चलें यह महल इतना साफ है तो इसमें जरूर कोई ना कोई रहता होगा तो आज रात हम इस महल में रुक जाते हैं प्रिया की बात सुनकर आदर्श बोलता है मुझे यह जगह कुछ ठीक नहीं लग रही है इतनी सुंदर जगह कैसे हो सकती है जरूर यहां कुछ ना कुछ गड़बड़ होगा आदर्श की बात सुनकर प्रिया बोलती है आदर्श तुम क्या अनपढ़ गवार जैसी बात कर रहे हो क्या तुम्हें का डर लग लग रहा प्रिया की बात सुनकर आदर्श बोलता है जानू तुम गुस्सा क्यों कर रही हो चलो हम इस महल के अंदर चलते हैं वह दोनों उस महल के अंदर चले जाते हैं वह अंदर से और भी बहुत खूबसूरत था ।