जरुरतमंदों की विधिक सहायता के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण आगे आया है। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इन हेल्पलाइन नंबर के जरिए आप कहीं से भी निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। बस आपको को अपने मोबाइल या लैंडलाइन फोन नंबर से टोल फ्री नंबर '18004190234' तथा '15100' पर करनी होगी कॉल करनी होगी।
लोगों को निशुल्क विधिक सेवाएं मुहैया कराने को राष्ट्र स्तर से लेकर जिला स्तर तक विधिक सेवा प्राधिकरणों को गठन किया हुआ है। शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक विधिक साक्षरता कार्यक्रमों के साथ-साथ जरुरतमंदों को विधिक सहायता भी उपलब्ध करायी जाती है। लेकिन अब राज्य एवं राष्ट्र स्तर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। राज्य स्तर पर टोल फ्री नंबर '18004190234' तथा राष्ट्रीय स्तर पर '15100' जारी किया गया है। इन खास नंबरों पर कॉल करके विधिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। लिहाजा ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी हो इसके लिए जिलाधिकारी वेद प्रकाश ने इन टोल फ्री नंबरों को सार्वजनिक स्थल, मेले, साक्षरता शिविर, लोक अदालत, गोष्ठियों सूचना पटलों आदि के साथ-साथ अन्य सहजदृश्य स्थल, जनपद के मुख्य कार्यालय, बस/रेलवे स्टेशन, तहसीलों, दीवारों अथवा विज्ञापन बोर्डो पर अंकित कराये जाने के निर्देश जारी किए हैं।
(जरुरी कानूनी सलाह)
गैरकानूनी काम करने पर कानून की जानकारी नहीं होने का बहाना नहीं बनाएं।
अगर आपकी गलती से किसी को नुकसान होता है तो आप ये नहीं कह सकते हैं कि गैरइरादतन ऐसा हो गया।जैसे लापरवाही से गाड़ी चलाना ।
अगर आपको कोई काम गैरकानूनी लगता है तो कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश ना करें । केवल आत्मरक्षा में आवश्यक बचाव करें।
किसी सरकारी कर्मचारी या अदालत के कानूनी आदेश/निर्देश/बुलावे(समन) को नहीं मानना या गलत जानकारी देना अपराध है।
किसी अधिकारी या कर्मचारी से काम करवाने के लिए उसे उपहार या पैसा देना अपराध है।
किसी दस्तावेज में कोई बदलाव ना करें या गलती ठीक करने की कोशिश नहीं करें । ऐसा करना अपराध माना जायेगा।
(इन कामों में सावधानी बरतें)
सिविलियन थल सेना , नौसेना और वायुसेना की ड्रेन ना पहनें और तमगे ना लगाएं।
राष्ट्रीय ध्वज को सही तरीके से फहराएं औऱ रखें। ध्वज का अपमान ना करें।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान या नशा ना करें ।
महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार ना करें ।
झूठी धारणाएं और अफवाहें ना फैलाएं।
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं।
(जरुरी बातों का ध्यान रखें)
देश के कानूनों , राष्ट्रीय प्रतीकों, सार्वजनिक संस्थानों , संविधान और दूसरों की गरिमा का ध्यान रखें
किसी भी अधिकारी या कर्मचारी से गैरकानूनी सुविधाओं की मांग ना करें ।
किसी भी मामले में अदालत जाने से पहले सुलह-सफाई से सुलझाने की कोशिश करें।
कानून और व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों की मदद करें। जैसे-किसी अपराध के बारे में पुलिस को बताएं,कर्फ्यू का उल्लंघन ना करें।
(सामान्य कानूनी प्रावधान)
संविधान और कानून की नजर में सभी बराबर हैं और सभी को कानूनी संरक्षण पाने का अधिकार है ।
मूल अधिकारों का उल्लंघन होने पर आप सीधे उच्चन्यायालय या उच्चतम न्यायालय में जा सकते हैं ।
अपने जानमाल की रक्षा के लिए काम कर सकते हैं । ये अपराध नहीं माने जायेंगे । जैसे बाढ़ आने पर बस्ती को बचाने के लिए नहर को तोड़ देना, मरीज की जान बचाने के लिए उसका पैर काट देना।
आत्मरक्षा के लिए हमलावर पर हमला कर सकते हैं , लेकिन एक सीमा तक ही ऐसा कर सकते हैं ।
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