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चुंबकीय उत्तोलन और हिंदू मंदिर (Magnetic levitation and Hindu Temples)

16 मार्च 2015

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आपने जेकी चेन की The Myth नाम की फिल्म तो देखि ही होगी ?? नहीं तो जरुर देखे ,उसमे जेकी चेन एक पुरातत्व विद था जो भारत में एक मंदिर में आता है । उस मंदिर में साधू उड़ पा रहे थे क्युकी 2 काले जादुई पत्थर के कारण । यह कल्पना नहीं पर सत्य है ,पर साधू के बजाये मुर्तिया हवा में तैरती थी । चुम्बक का उल्लेख हिंदू ग्रंथ में मणिगमनं सूच्यभिसर्पण मित्यदृष्ट कारणं कम्|| वैशेषिक दर्शन ५/१/१५|| अर्थात् तृणो का मणि की ओर चलना ओर सुई का चुम्बक की ओर चलना,अदृश्य कर्षण शक्ति के कारण है । सोत्र यह कणाद मुनि के ग्रंथ वैशेषिक दर्शन है ,कणाद मुनि 600 ईसापूर्व के थे यानि गौतम बुद्ध के समय का । चुंबकीय उत्तोलन या Magnetic Levitation का अर्थ होता है चुंबकीय बल के सहारे तैरना । हर चुंबक के 2 ध्रुव होते है उत्तर और दक्षिण चुंबक का नियम होता है की विपरीत ध्रुव एक दुसरे को आकर्षित करते है और समान ध्रुव एक दुसरे को धकेलते है । उधारण : उत्तर ध्रुव दक्षिण ध्रुव को या दक्षिण ध्रुव उत्तर ध्रुव को आकर्षित करता है पर उत्तर ध्रुव उत्तर ध्रुव को या दक्षिण ध्रुव दक्षिण ध्रुव को धकेलता है । यही नियम बुलेट ट्रेन में काम आता है । 2 समान ध्रुव एक दुसरे को धकेलते है जिससे इतना बल पैदा होता है की ट्रेन आगे बड़े । इसी का उपयोग हिंदुओ ने अपने मंदिरों में किया । मुझे 4 हिंदू मंदिरो का विवरण मिला है जिसमे चुंबकीय उत्तोलन का उपयोग हुआ था । सोमनाथ मंदिर (600 इसवी ) गुजरात में स्थित सोमनाथ मंदिर को गुजरात के यादव राजाओ ने बनाया था 600 इसवी में । सोमनाथ ज्योतिर्लिंगो में से एक है । कई मुस्लमान राजाओ ने इसको तोडा और इसमें स्थित शिव लिंग भी तोड़ दिया । स्थानीय लेखो के अनुसार सोमनाथ मंदिर का शिव लिंग हवा में तैरता था । हिंदुओ के अलावा मुसलमानों ने भी इसका वर्णन किया । क्वाज़िनी अल ज़कारिया सन 1300 इसवी में भारत में आया था ,वे फारसी लेखक थे और दुनिया के अजीब अजीब वस्तुओ पर लिखते थे । सोमनाथ के शिवलिंग पर क्वाज़िनी लिखते है :- "सोमनाथ मंदिर के बिच में सोमनाथ की मूर्ति थी ,वह हवा में तैर रही थी ,उसे न ऊपर से सहारा था न नीचे से ।स्थानीय ही क्या मुस्लमान भी आश्चर्य करेगा ।" इस विवरण से पुष्टि हो गई है की सोमनाथ मंदिर में शिव लिंग हवा में तैरता था । कुछ विद्वानों अनुसार यह आँखों का धोका था । सम्राट ललितादित्य मुक्तापिद का विष्णु मंदिर (700 इसवी ) सम्राट ललितादित्य कश्मीर के महान राजा थे जिन्होंने अरब और तिब्बत के हमले को रोक और कन्नौज पर राज किया जो उस समय भारत का केंद्र माना जाता था । स्त्री राज्य जो असम में ही कही स्थित था उसे जीतने के बाद सम्राट ललितादित्य ने स्त्री राज्य में ही विष्णु मंदिर की स्थापना की थी । विवरणों के अनुसार उस मंदिर में स्थित विष्णु जी की मूर्ति हवा में तैरती थी । इस मंदिर की सही स्थिति नहीं पता और इसके अवशेष अभी तक नहीं मिले । विद्वानों के अनुसार जिस कदर मुसलमानों ने ललितादित्य का सूर्य मंदिर तोड़ दिया था ठीक वैसे ही इस मंदिर को भी तोड़ा गया था । वज्रवराही का मंदिर (800 इसवी ) यह मंदिर है तो बोद्ध पर हिंदू देवी वराही को समर्पित है । यह मंदिर भूटान में Chumphu nye में स्थित है ,इस मंदिर के भीतर फोटो लेने की मनाही है इसीलिए वराही देवी की हवा में तैरते हुए फोटो नहीं । कई प्रत्यक्षदर्शी मंदिर में जा चुके है और उनके अनुसार वराही देवी की मूर्ति और थल के बिच 1 ऊँगली भर जगह है और मूर्ति बिना सपोर्ट के हवा में है । स्थानीय लोगो के अनुसार वह मूर्ति मनुष्य निर्मित नहीं बल्कि प्रकट हुई है । कुछ विद्वानों के अनुसार वह मूर्ति चुंबक के कारण हवा में तैर पा रही है । क्युकी भूटान और तिब्बत का बोद्ध धर्म बुद्ध के उपदेशो पे कम और हिंदू उपदेशो पर ज्यादा है इसीलिए मंदिर बनाने का यह ज्ञान हिंदुओ से बोद्ध भिक्षुओ को मिला । यही एक बची हुई ऐसी मूर्ति है जो सिद्ध करती है की हिंदू मंदिरों में मुर्तिया हवा में तैरती थी । कोणार्क का सूर्य मंदिर (1300 इसवी ) इसा के 1300 वर्ष बाद उड़ीसा में पूर्वी गंग राजाओ ने कोणार्क का सूर्य मंदिर बनवाया था । स्थानीय कथाओ के अनुसार कोणार्क के सूर्य मंदिर में सूर्य देव की जो मूर्ति थी वह हवा में तैरती थी । पुरातात्विक विश्लेषण से पता चला है की मंदिर का मुख्य भाग चुंबक से बना था जो गिर गया था । कम से कम 52 टन चुंबक मिलने की बात कही जाती है । उसी चुंबक वाले भाग में वह मूर्ति थी ,यह सबसे अच्छा साबुत है हिंदू मंदिरों में चुंबकीय उत्तोलन का क्युकी इस मंदिर में चुंबक मिला है । मूर्ति को हवा में उठाने के साथ चुंबक का एक और उपयोग था यानि चुंबकीय चिकित्सा । चुंबकीय चिकित्सा का अर्थ है चुंबक की उर्जा से इलाज करना । कोणार्क के सूर्य मंदिर का बहोत सा ढाचा गिर गया था जिसमे वह चुंबक से बना भाग भी था । भारत में चुंबक का उल्लेख 600 ईसापूर्व से मिलता है ,मुसलमानों के साथ साथ पुरातात्विक सबूत भी हिंदू मंदिरों में चुंबकीय उत्तोलन के सबूत देते है । (नीचे फोटो में गणेश जी की मूर्ति हवा में तैर पा रही है चुंबकीय बल के कारण ) जय माँ भारती स्रोत: http://prachinsabyata.blogspot.in/2014/01/magnetic-levitation-and-hindu-temples.html?m=1
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क्या आर्य विदेशी थे ?

14 मार्च 2015
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आजकल एक दलित वर्ग विशेष (अम्बेडकरवादी ) अपने राजनेतिक स्वार्थ के लिए आर्यों के विदेशी होने की कल्पित मान्यता जो कि अंग्रेजी और विदेशी इसाई इतिहासकारों द्वारा दी गयी जिसका उद्देश्य भारत की अखंडता ओर एकता का नाश कर फुट डालो राज करो की नीति था उसी मान्यता को आंबेडकरवादी बढ़ावा दे रहे है | जबकि स्वयम अम्

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तीसरा धाम???

15 मार्च 2015
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यजुर्वेद 32.10-- " स नो बन्धुर्जनिता स विधाता धामानि वेद भुवनानि विश्वा। यत्र देवा अमृतमानशानास्तृतीये धामन्नध्यैरन्त।।" इस मन्त्र मेँ आया हुआ ये पद " यत्र देवा अमृतमानशानास्तृतीये धामन्नध्यैरन्त" जिसका अर्थ हैँ जिस तीसरे धाम मेँ मोक्षसुख को प्राप्त होते हुए ज्ञानवान् लोग स्वेच्छापूर्वक विचरण करते

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इतिहास की अनकही कहानिया(The untold story of history)

15 मार्च 2015
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मित्रो इतिहास मे कई वीरो की गाथाए है जो खो गई है ओर कई वीरो की वीरता के कार्यो का श्रेय किसी दूसरे को दिया गया लेकिन यहा यह लेख कोई वीर या वीरता की गाथा को नही है बल्कि एक महान प्रेम कहानी को सम्प्रित है| भारत देश मे हीर रांझा,सलीम अनारकली,शाहजहा मुमताज कई प्रेमियो की कहानिया प्रसिध्द है तो कई इतिहा

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दलित वादी लेखको की झूठी कल्पना

15 मार्च 2015
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इतिहास की पोथिया कुरदे तो पता चलता है कि हर जाति पर समय समय पर अत्याचार हुए है | लेकिन दलित व्यक्तियों पर जो अत्याचार हुए वो इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यूंकि अन्य लोगो पर अत्यचार विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा हुए लेकिन दलितों पर अत्याचार अपने ही लोगो अपने ही देश के लोगो के कारण हुए , लेकिन आज कल एक तनाव

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ग्रीक सभ्यता मे भगवान कृष्ण(Krishna in Greek civilization)

16 मार्च 2015
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जय श्री कृष्णा! मित्रो हमारे भगवान कृष्ण की महिमा ओर यश के बारे मे आप सब परिचित है | भगवान कृष्ण योगेश्वर है,सभी शास्त्रो के ज्ञाता के साथ साथ युध्दादि कला मे भी निपुण थे| अर्जुन को गीता जैसे उपदेश देने वाले भगवान कृष्ण से भारत ही नही बल्कि विश्व की समस्त प्राचीन सभ्यताए जैसे-सिंधु सरस्वती,मेसोपोटाम

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चुंबकीय उत्तोलन और हिंदू मंदिर (Magnetic levitation and Hindu Temples)

16 मार्च 2015
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आपने जेकी चेन की The Myth नाम की फिल्म तो देखि ही होगी ?? नहीं तो जरुर देखे ,उसमे जेकी चेन एक पुरातत्व विद था जो भारत में एक मंदिर में आता है । उस मंदिर में साधू उड़ पा रहे थे क्युकी 2 काले जादुई पत्थर के कारण । यह कल्पना नहीं पर सत्य है ,पर साधू के बजाये मुर्तिया हवा में तैरती थी । चुम्बक का उल्लेख

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ज़फरनामा : गुरु गोविन्द सिंह का पत्र !

16 मार्च 2015
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भारत अनादि काल से हिन्दू देश रहा है. इस देश में जितने भी धर्म, संप्रदाय और मत उत्पन्न हुए हैं, उन सभी के अनुयायी, इस देश के वास्तविक उतराधिकारी हैं. लेकिन जब भारत पर इस्लामी हमलावरों का शासन हुआ तो उन्होंने हिन्दू धर्म और हिन्दुओं को मिटाने के लिए हर तरह के यत्न किये. आज जो हिन्दू बचे हैं, उसके लिए

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राजा जयसिंह के नाम शिवाजी का पत्र

17 मार्च 2015
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भारतीय इतिहास में दो ऐसे पत्र मिलते हैं जिन्हें दो विख्यात महापुरुषों ने दो कुख्यात व्यक्तिओं को लिखे थे। इनमे पहिला पत्र "जफरनामा" कहलाता है जिसे श्री गुरु गोविन्द सिंह ने औरंगजेब को भाई दया सिंह के हाथों भेजा था। यह दशम ग्रन्थ में शामिल है जिसमे कुल 130 पद हैं। दूसरा पत्र छ्त्रपति शिवाजी ने आमेर क

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क्या श्री राम ने पशु वध किया था ???

18 मार्च 2015
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मित्रो कुछ दिन पहले इसी साईट पर एक कविता पढने को मिली जिसमे एक नास्तिक मित्र ने आरोप किया की राम ने मास ,चर्म के लिए हिरन का पीछा किया था | उन्होंने बिना प्रमाण ये आक्षेप कर दिया अब पता नही उनकी केसी भावना हो लेकिन इससे यह बात तो पता चलती है कि नास्तिकता अगर बुद्ध जेसी न हो तो वो कुंठा .अवसाद बन जात

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स्वाध्याय का महत्व

20 मार्च 2015
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कई लोग कहते है कि केवल भक्ति ही ईश्वर प्राप्ति का मार्ग है स्वाध्याय या वेद अध्ययन नही ..ये उन लोगो का भ्रम है जो ऐसा कहते है क्या बिना ज्ञान के कोई सही मार्ग पर जा सकता है नही जो ऋषि मुनि ईश्वर का साक्षात्कार किया उन्होंने स्वाध्याय को भी ईश्वर प्राप्ति में आवश्यक माना है | मह्रिषी पतंजली कहते है

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सोम रस ओर शराब

20 मार्च 2015
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कई पश्चमी विद्वानों की तरह भारतीय विद्वानों की ये आम धारणा है ,कि सोम रस एक तरह का नशीला पदार्थ होता है । ऐसी ही धारणा डॉ.अम्बेडकर की भी थी ,,डॉ.अम्बेडकर अपनी पुस्तक रेवोलुशन एंड काउंटर रेवोलुशन इन असिएन्त इंडिया मे निम्न कथन लिखते है:- . यहाँ अम्बेडकर जी सोम को वाइन कहते है ।लेकिन शायद वह

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ऊंटेश्वरी माता का महंत

30 मार्च 2015
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फादर ऐन्थानी फर्नान्डीस उर्फ फादर टोनी राष्ट्रवादी , स्वतंत्र चिंतक , ईमानदार और अपनी हिन्दू विरासत को मानने वाले गुजराती कैथोलिक ईसाई थे। वर्षों धर्मान्तरण कार्य में लगे रहने के दौरान जब उन्होंने कैथोलिक चर्च की समाज सेवा के नाम पर कुटिलता और धोखाधडी से धर्म परिवर्तन कराये जाने की साजिश को नजदीक

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टोन टोटके का एक रहस्य !

30 मार्च 2015
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ओ३म् मारय-मारय, उच्चाटय- उच्चाटय, विद्वेषय- विद्वेषय, छिन्दी- छिन्दी, भिन्दी- भिन्दी, वशीकुरू- वशीकुरू, खादय- खादय, भक्षय- भक्षय, त्राटय- त्राटय, नाशय- नाशय, मम शत्रुन् वशीकुरू- वशीकुरू, हुं फट् स्वाहा....!!" आदि मोहिनीमारण के तन्त्रमन्त्रोच्चार ने पूरे वातावरण को भयप्रेत कर दिया। विशाल जन समुदाय

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