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हम एक बार फिर मिलेंगे,

30 जनवरी 2022

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हम एक बार फिर मिलेंगे,

हमारा मिलना तो तय है

आखिर हर ज़न्म में तो हमारी कहानी अधूरी नहीं हो सकती ना...

तो मिलूंगा मैं तुमसे फिर किसी जन्म में..

किसी शहर...

किसी गंगा घाट के किनारे...

किसी स्टेशन पर या फिर

किसी भागती सड़क के किनारे....

दिन की रोशनी जब अपने रुआब पर होगी...

चाँद की शीतलता जब

अपने शबाब पर होगी

तब रहूँगा मैं साथ तुम्हारे

तब हम में से किसी एक को भी वापस लौटने की जल्दी नही होगी...

तब मुझे तुम्हारा हाथ थामने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी..

और तुम भी अपनी ऊँगलियों के अधूरेपन को मेरी ऊँगलियों से भर सकोगे..

जब कोई हक ना होकर भी दुनिया जहाँ के तमाम हक होंगे एक दूसरे पर..

जब मैं बेखौफ तुम्हारे सीने से लग तुम्हारी धड़कने सुन सकूँगा...

जब मेरी ऊँगलियों जो तुम्हारे बालों में उलझी होगी उन्हें सुलझाने की जल्दी हम दोनों में से किसी को नहीं होगी

सुकून...

जिसके इंतजार में हमने एक उम्र गुजार दी हमें घेरे बैठा होगा..

और वक्त भी हमें कभी अलग ना करना चाहेगा...

जब तुम्हारे पास मेरे सारे सवालो के जवाब होंगे..

और मेरे पास वही पुरानी मोहब्बत जो हमेशा से सिर्फ तुम्हारे हिस्से लिखी थी...

हम एक बार फिर मिलेंगे....

Vishalramawat


Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत सुंदर 👌👌👌

31 जनवरी 2022

कविता रावत

कविता रावत

सच आत्मिक प्रेम कभी नहीं मरता, बहुत सुन्दर

31 जनवरी 2022

Vishal

Vishal

31 जनवरी 2022

Thanks mam

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