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तुम्हें पता है

31 जनवरी 2022

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तुम्हें पता है,

मैं अब भी बिलकुल वैसा ही हूँ 

जैसा तुम छोड़ कर गयी थी मुझे, 

ज़रा भी बदलाव नहीं आया है मुझमें

मैं आज भी कहीं जाते वक़्त वैसी ही साइड वाली मांग निकालता हूँ 

जैसी तुम्हें पसंद थी....

मेरा पसंदीदा कलर अब भी काला ही है 

जो तुम्हारा पसंदीदा कलर हुआ करता था,

मैं कभी कभी बैठे हुए यूँ ही सोचता हूँ 

तुम्हारे जाने के बाद अब भी सब कुछ वैसा ही तो है,

मैं बिलकुल भी नही बदला....

तुम गयी नहीं हो,

तुम अब भी साथ हो मेरे,

मेरी बातों में, मेरे खयालों में,

मेरी आदतों में, 

और मेरी इन सभी कविताओं नींदों में ।

Vishalramawat


Pragya pandey

Pragya pandey

Nice 👍👍

31 जनवरी 2022

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