कुछ अनकहे से एहसास.. दिल से दिल तक ❤️
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मेरे अल्फाज....✍🏻🌹ऐसा कोई....पल ना....आए जिंदगी....में कभी....भी 🤍हम तुम्हे....याद ना....करें....!!🍁🌹हां वो....बात और....हैं की.... हम तुम्हें....🤍 याद नहीं....!!🍁🌹पर हम भी ....तुम्हें या
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹 मेरी इन ....आंखों.... में रहती है....!!🌼 सिर्फ....तस्वीर....तुम्हारी.... इन आंखों 🌹को.... तेरे सिवा....🌼कोई और.... दिखता भी.... तो नहीं....!!🥀🥀🌹इसमें तेरा.... भी कोई...
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹अलविदा.....कह के.....जब.....तुम....🤍चले गए..... इन आंखों..... ने सारे.....🌹हसीन.....ख्वाब.....खो..... दिए.....!!🥀🥀🤍गम..... ये नहीं.....की तुम..... हमें.....छोड़ गए.....🌹दर्द
एक खूबसूरत एहसास...............❤️आँखों में नजर आती है .....🥺 होठों पर ठहर जाती है...😍 &
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹बस एक.... खता हमसे.....हो गई थी......🥀🥀🌼हद से....ज्यादा....मोहब्ब्त...... तुमसे हो...... 🌹गई थी.....हम नज़र....उठाकर.....🥀🥀🌼देख भी....ना सके.....किसी और .....की तरफ....
मेरे अल्फाज....✍🏻🌷तुझसे.... मिलके....खुद को....भी खोने....🌼लगी थी....!!!🥀🥀🌷बिन बात.... मुस्कुराने....लगे थे....!!!🌼ये क्या.... हो रहा था.... क्यों हों.... रहा था..... 🌷कुछ भी.... तो नहीं.
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹आपसे....मिलके.... जिंदगी.... खुबसुरत सी.... 🌼लगने.... लगी थी....!!!🥀🥀🌹हमसे....दूर जाना.... नही....कभी ....ये हमारी.... 🌼दुआयो में....शामिल....होने....लग
लङखङाती शाम कोइश्क का सलाम लिख दिया,,,🍂इन आँखों से छलके अश्को को जाम लिख दिया!!🥀🥀आज कुछ नहीं था लिखने को मेरे जहन में,,,🍂इन कोरे कागज पर मैने सिर्फ ते
मेरे अल्फाज...✍🏻🌷वो तुम्हारे.... साथ बिताए.... गए हर.... वो एक....🌼दिन मुझे.... आज.... भी याद....आते हैं....!!🥀🥀🌷तुम्हारे साथ.... बैठ के.... घंटो बाते....करना....🌼मुझे.... आज भी.... याद है....!
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹हमे .....जरूरत.... नही.... किसी.... अल्फाज कि....🌸आपसे....प्यार ....जताने.... के लिए....आप तो.....🌹वो.... एहसास.... हो जो.... हम....🥀🥀🌸शब्दों....में कभी....🥀🥀🌹बयां.... नहीं
मेरे अल्फाज.....✍🏻🌹खामोशियां....कभी....मेरी ....ख़त्म....🌿नहीं ....होगी....!!🥀🥀🌹तेरे....मेरे ....बीच.... की ये....दूरियां.... कभी....🌿कम....ना होंगी....!!🥀🥀🌹पर एक.... ये भी.... सच है....मेरा
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹🌹🌹प्रेम का..... नाम........."कृष्ण"🌼प्रेम के......नाम से..."तुम"💕🌿🌹🌹🌹प्रेम का .....उदाहरण..."कृष्ण"🌼मेरा उदाहरण......."तुम"💕🌿🌹🌹🌹प्रेम का.....आधार......"कृष्ण"🌼मेरा आ
🖤🤍🖤🤍🖤जो आँख भी मिलने की इजाज़त नहीं देता दिल उसकी नज़रों में बसने पे तुला है.....🌹🌹🖤🤍🖤🤍🖤ये दूरी से भी बहुत प्यार हैं मुझे,तुम मेरे पास हो या ना हो,तुम्हारे एहसास से भी प्यार है मुझे....
रिश्ता हमारा.................❤️रिश्ता "हमारा" बेशक है..........🥀🥀लेकिन हमारे इस रिश्ते को,सबसे ज्यादा जरुरत है........🌹🌹हमारे साथ की,हमारे समझ की,हमारे वक्त की,हमारे अपनों की.........🍁"और"सबसे जर
तुम बिन जिया जाए ना..................😔जाने क्यूँ है ये, एहसास तू दूर होकर भी मेरे पास है।🖤🤍🖤🤍🖤जाने क्या थी, तेरी मजबूरीजो लिख दी यह हमारी दूरी🖤🤍🖤🤍🖤क्यूं शिकवा नहीं, तेरे से मुझे क
🖤🤍🖤🤍🖤कैसे भूलें....🥀तुम्हारी बातें हम,🍂इतना आंसां नहीं भुला दें हम...........!!🖤🤍🖤🤍🖤कैसे भूलें....🥀जो दिन साथ में जिए थे हमने,🍂तुम कहो कैसे भूला जाएं हम............!!🖤🤍🖤🤍🖤कैसे भूलें
क्यूं रूठे है....अब इसका हिसाब जाने दो,🍂तकल्लुफ़ से भरी...हर इक बात जाने दो,🍂दिल दुखा कर पूछते है...किसका है ये काम,🍂जो निभाना नही तुम्हें...तो अब ये लिहाज़ जाने दो,🍂दूरियां जब दिलों की हो...मिटान
गर्दिशे है तेरी जो ना अंजान है हम,तेरे लिए खुद से ही नाराज हैं हम...क्यों तलाशती है ये नज़र तुझको... क्यों अपनो के भीड़ में भी बेगाने से है हम...क्यों वक्त सा तू भी बदल गया...तेरी फिकर अब किधर गई
वास्तविक सौंदर्य.............🌹🌹नज़ाकत तुम में है,इबादत तुम में है,शरारत तुम में है,कशिश भी तुम में है,मुझ में भी मैं कहां,जो कुछ भी है, सब कुछ सिर्फ तुम में ही तो है।वो वास्तविक सौंदर्य से भी स
सफर ये आख़िरी है..................🖤परछाई बन कर जिंदगी भरतेरे साथ चलने का इरादा था तोड़ कर दुनिया की सारी रस्में और कसमेंतेरे साथ जीने का वादा था पर अब मेरे मोहब्बत का सफर ये आख़िरी हैढूं
ये कैसी है रात आई...................🖤आज फिर आया है मौसम प्यार कान जाने कब होगा दीदार मुझे मेरे चाँद काये कैसी है रात आईमुझे फिर से है तेरी याद आईसनम तेरे आने का बेसब्री से इंतज़ार थाकर के सोलह श्रृंग
पूंछ नहीं सकते हो हाल हमारा..!!पर अपना तो बता सकते हो ना.................🌹🌹कर नहीं सकते प्यार का इजहार..!!पर सुन तो सकते हो ना..........................🌹🌹मिल नहीं सकते कभी मुझसे..!!पर नजर तो आ&nbs
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹कभी तो मुझे समझा होता 🍁क्यों गुस्सा आता है................🥀🌹मुझे इतना ज्यादा 🍁कभी तो मुझे सुना होता..........🥀🌹हो सकता है मुझे ढेरो🍁बातें करनी हों तुमसे...........
मेरे अल्फाज.....✍🏻🌹वो आंख ही क्या जो आंसुओ से भरी ना हो....!!!!🌹वो रात ही क्या जिसमें याद तुम्हारी ना हो.............!!🌹वो रात ही क्या जिसमें हम रोए ना हो..........!!!!🌹वो याद ही क्या जिसमें तुम
मेरे अल्फाज....✍🏻🌷ये जो....एक तरफा....प्यार होता.....है ना.... 🍃इसका एहसास....बहुत ख़ूबसूरत....🌷होता है....!!🥀🥀🍃इसमें प्यार....बेशुमार होता है....🌷इसमें ना....तो रूठने....का डर....🍃होता
मेरे अल्फाज....✍🏻🌷कभी जो....बैठोगे तुम....सोचने तो....🌸आयेगा मेरा....ख्याल भी....🌷मिलने की....थी ख़ुशी....बहुत....🌸अब बिछड़ने....का होगा.... गम भी....🌷पर उतना ही.... मलाल भी होगा ही....!!🥀🥀🌷क
मेरे अल्फाज....✍️<div><br></div><div>🥀🥀🥀कॉलेज के ये चार साल कैसे गुजर गया पता ही नहीं चला......अब कैंटीन की चाय दोस्तो के साथ मस्ती सब बिछड़ने वाला है.....काश ये वक्त यही थम जाएं पर नहीं ऐसा नहीं ह
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹इन आंखों.... में रहती है.... सिर्फ....तस्वीर....🌼तुम्हारी.... इन आंखों को.... तेरे सिवा....🌹कोई और.... दिखता भी.... तो नहीं....!!🥀🥀🌼इसमें तेरा.... भी कोई.... कसूर.... नहीं ना
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹कभी तो मुझे समझा होता 🍁क्यों आता है गुस्सा ................🥀🌹मुझे इतना ज्यादा 🍁कभी तो मुझे सुना होता..........🥀🌹हो सकता है मुझे ढेरो🍁बातें करनी हों तुमसे..........
इक अधुरी सी चाहत....😔काश की ऐसा हो पाता.......कभी मैं उदास होती और तुम मेरे पास बैठकर मुझे समझाते,🥺कभी मैं टूटकर रोती और तुम मुझे चुप कराते,कभी मै बिखरती , तो तुम मुझे यूं संभाल लेते कभी म
दर्द भी खुशीयों में सिमट जायेगाजब तेरा हाथ मेरी हाथों में आयेगा...जिस दिन तेरे हाथो की लकीरें मेरे हाथो से मिलेगीसच में उस दिन मेरी लकीरें पुरी होगी....❤️जाने कब वो वक्त आएगाजब इस दर्द भरी जिंदगी में&
मेरे अल्फाज....✍🏻🌹वक्त बे वक्त तुम्हे याद करती हूं,,,,,,🤍तू मिल जाए बस एक बार,,,,,,🥀🥀🌹बस यही फरियाद करती हूं,,,,,,🤍माना एतबार नहीं तुम्हें अब हमपर,,,,,,🥀🥀🌹मैं फिर भी तुमसे ही प्यार करती हूं,
एक दरिया रहता है अब इन आंखों मेंरोना चाहता है ये दिल तेरी बांहों में...ये बारिश का मौसम बहुत अच्छा लगता हैंक्योंकी ये आंखे भी तो बारिशकी तरह ही बरसना चाहती हैं!अब खुश रहना चाहती हूं...तो भी खुश रहा नह
सावन का ये मौसम जब बरसे बारिश की इन बूंदों में तेरा अक्श झलके तेरे न साथ होने का एहसासये बारिश हर बार याद दिला जाता हैं बनके बदरा मेरे आंखो से बरसेये आंखे भी तेरी एक नज़र को तरसेय
मेरे अल्फाज....✍️🌷एक कमी है मुझमें जो...........................🥀🥀🌼तुम्हे कभी नजर नहीं आएगा..................🥀🌷मैं तो आज भी तुम्ही को चाहती हूं..........🥀🥀🌼जो तुम्हे कभी नजर नहीं आएगा........
अगर फुर्सत मिले तो जरा उनकाभी हाल पूछ लिया करो जिनकेसीने में दिल की जगह तुम धड़कते हो!कभी उसे भी याद कर लिया करोजिसकी यादों में तुम रहते हो जिसकी बातों में तुम रहते हो जिसके ख्यालों मे
जिंदगी की दुआ मौत का पैगाम ले आती हैं 🥀क्यों ये दिल्लगी जीवन में तूफान ले आती हैं 🥀दिखाती हैं हर ख्वाब सुनहरा सा 🥀 क्यों मुस्कुरा कर आखिर मे ये जान ले जाती हैं 🥀 मिलाती है आखिर क्यों एक
एक खूबसूरत रिश्ता..........❤️✨हर बंधन को ....विश्वास नहीं कहते🌹हर आँसू का....जज्बात हर किसी को🌹समझ नहीं आता....किस्मत से मिलते हैं🌹कुछ रिश्ते जिंदगी में....हर रिश्ते_को🌹इत्तेफाक नहीं कहते..!❤️✨Twi
इलाहबाद की गलियों मेंमैंने अपने जीवन को संवारा है,यहां के गंगा में मेरे अंशुओ का बशेरा हैं विद्या ज्ञान और लेखन मेंप्रयागराज अलबेला हैअध्यात्म यहाँ रचता बसतालगता संतो का मेला हैमहादेव के भक्तो की
कुछ ख़ुशियाँ कुछ आँसू दे गया जीवन का इक और साल गया.... फिर नए साल का इंतज़ार कर रहे हैं हम बीत जायेगा ये साल भी यूं ही तेरे इंतजार में....हॅसते हैं तो भी आँखों में नमी आ ही जाती हैं,ना