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कायरा का इंसाफ

कायरा का इंसाफ

मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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कायरा का इंसाफ

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मैं आप लोगों के समक्ष एक नई कहानी लेकर आई हूं (कायरा का इंसाफ) यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है, इस कहानी के पात्र के नाम या घटना अगर किसी से जुड़े हैं, तो वह सिर्फ एक संयोग ही होगा, इस कहानी का किसी के वास्तविक जीवन से भी कोई लेना देना नहीं है, यह क

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कचोटती तनहाइयाँ

कचोटती तनहाइयाँ

मैं आप सबके लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ ,जिसका शीर्षक है 'कचोटती तनहाइयाँ '। मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है ।मेरी ये कहानी है कहानी के नायक सूर्य प्रताप भानु व उसकी सहधर्मिणी दिव्या प्रताप भानु की । सूर्य प्रताप भानु जो अपने पूर्वजों द्वारा प्राप्

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कचोटती तनहाइयाँ

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता

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यहां पर आपको दैनिक लेखन प्रतियोगिता के परिणामो की जानकारी मिलेगी | मार्च 2023 से ...........

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शापित संतान

शापित संतान

मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित

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22 common.articles

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शापित संतान

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मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ -'शापित संतान '।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक पिता अपनी संतान के लिए हर त्याग करता है मगर जब उसकी संतान गलत राह पकड़ ले तो उसका सुख ,चैन छिन जाता है ,ऐसी संतान शापित संतान ही होती है ।ऐसी ही शापित

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प्रतिउत्तर???

प्रतिउत्तर???

पारिवारिक साख प्रतिष्ठा मान मर्यादा और स्वयं की लज्जा एवं भीरुता के कारण जो मुद्दे समाज से अछूते रह गए उसका उत्तरदायी कौन ॽॽ ,अवनी , राजीव,या फिर उनका परिवेश संस्कार या आधुनिकता के बहाने सिनेमा घरों में परोसी गयी अश्लीलता जो रिश्तो के तानो बानो को

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पारिवारिक साख प्रतिष्ठा मान मर्यादा और स्वयं की लज्जा एवं भीरुता के कारण जो मुद्दे समाज से अछूते रह गए उसका उत्तरदायी कौन ॽॽ ,अवनी , राजीव,या फिर उनका परिवेश संस्कार या आधुनिकता के बहाने सिनेमा घरों में परोसी गयी अश्लीलता जो रिश्तो के तानो बानो को

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बहू की विदाई

बहू की विदाई

मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ-'बहू की विदाई' ।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक रुढि़वादी ,दकियानूसी ,व स्त्रियों को अपने से नीचे समझने वाले समाज के एक व्यक्ति द्वारा अपनी बहू के विवाह करने पर मेरी ये कहानी है 'बहू की विदाई' । मेर

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बहू की विदाई

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मैं आप लोगों के लिए एक नई कहानी लेकर आई हूँ-'बहू की विदाई' ।मेरी ये कहानी पूर्णतः काल्पनिक है । एक रुढि़वादी ,दकियानूसी ,व स्त्रियों को अपने से नीचे समझने वाले समाज के एक व्यक्ति द्वारा अपनी बहू के विवाह करने पर मेरी ये कहानी है 'बहू की विदाई' । मेर

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क्या यही प्यार है?

क्या यही प्यार है?

क्या आज की युवा पीढ़ी प्यार का मतलब जानती है ....नहीं।बस आज कल के युवा लैला मजनूं,शीरी फरहाद,इन की कहानी पढ़कर उन राहों पर निकल पड़ते हैं। प्यार पाना ही नहीं होता। प्यार के लिए मर मिटना भी प्यार है। सदियों तक किसी का इंतजार भी प्यार है। आइए हम और आप

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दास्तान-ए-गजल

दास्तान-ए-गजल

सीधे और सरल शब्दों में अपने मन के एहसास लिखती हूं, मन के जज्बातों को हकीकत में उतारती हूं, सच कहे तो "मेरी कलम से" अपने मन की बातें कोरे पन्ने पर लिखती हूं।

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हमें मिलना ही था

हमें मिलना ही था

एक झलक 👉 चारों तरफ घटा घिरी हुई थी ठंडी ठंडी हवा का झोंका मन को लुभा रहा था,,, ऊपर से पड़ती रिमझिम बारिश,, रह रह के आसमान में चमकती बिजली दिल में एक अजीब सी बेचैनी पैदा कर रही थी,,, । मिट्टी से उठती हुई सोंधी खुशबू,, दिल को लुभा रही थी नूरी पगडंडी

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प्यार का प्रतिशोध,,,

प्यार का प्रतिशोध,,,

यह कहानी एक बेहद खूबसूरत लड़की नैना अग्रवाल की है। जो खूबसूरत होने के साथ-साथ काफी टैलेंटेड भी थी। महज 24 साल की उम्र में ही एक बड़ी कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत थी, नैना अपने पति शिवांश और बेटे आरव के साथ दिल्ली के पॉश एरिया मैं बने फ्ल

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प्यार का प्रतिशोध,,,

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