वादों से जुड़ा रिश्ता.... एक अटूट बंधन!
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नोट :: इस कहानी का किसी भी व्यक्ति या स्थान से कोई संबंध नहीं है!!तो कृपा करके...इस कहानी को किसी भी व्यक्ति या स्थान से ना जोड़े..........ये कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है.........!!!!!!______________
कोई बात नही, "तुने मेरा साथ नहीं निभाया!! तूने अपना वादा भी नहीं निभाया "पर मैं तूझे दिए हर वादे को पूरा करूंगी.." तूने मेरा साथ छोड़ दिया!!पर मैं तेरा साथ कभी नहीं छोडूंगी समझी तू...सुन रही हैं ना तू
निधी – है कुछ ख़ास! _"जो उसे औरों से अलग करता है!जो उसमे है वो सायाद आज तक मैंने किसी भी मे नही देखा!यहां तक उसके जैसी मैं भी नहीं!! सबसे अलग हैं वो.. सबसे!अनय – एकदम हैरान! बस सोचता है! _"है क्या इसम
अनाया – हम्म! थी तो!!_"पर इतना भी नहीं होना चाहिए था । की मैने तेरी तरफ ध्यान ही नहीं दिया! मुझे सोचना चाहिए था! सारी गलती मेरी ही हैं!"उदास होते हुए अनाया बोली!निधी – कोई बात नहीं अनु!.._"तुम्हारी को
और निधी को कॉल लगा देता है..दो तीन बार रिंग जाने पर भी, कॉल रिसीव नहीं होता तब अनय भी परेशान होने लगता है! ..._"की ये फोन क्यूं नहीं उठा रही है! हो सकता हैं फोन साइलेंट करके सो गईं हो!! हम्म्म! यही बा
हां हां हम हमारी गुड़िया के साथ तो हमेशा रहेंगे ही। क्योंकी वो हमारी भी तो बेटी है। आखिर भांजी है वो हमारी,, और हम उसकी मासी... तू देख लियू वो जब आयेगी ना तो सबसे ज्यादा अपने मासी के पास ही रहेगी,, मा
अनाया – उसे पिछे से ही देखे जा रही,, तभी अनाया की नज़र,,उस आदमी के पास फुल स्पीड में आती एक बाइक सवार पर गई , वो बाइक सवार ... उस कार वाले आदमी के पास," जा कर सीधा खड़ा हो गया। और उसके बाद अनाया
अश्विन = छोटी मां ,, आपको तो पता ही है भैया भी यहां नही है,, तो मुझे ही उनका और अपना दोनो का काम संभालना पड़ता है,, इसके लिए मुझे जाना तो पड़ेगा और अगर मै रेस्ट करने लगा तो ये काम कौन देखेगा मेरी छोटी
तान्या = तालियां बजाते हुए वाह वाह क्या बात है तू तो शायर बन गई है यार !अनाया = उहूं ! ऐसा कुछ नहीं है !!तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी......आगे.........................दरवाजे पर नॉक करते हुए एक लड़का
ऋषि एकटक बस अनाया को निहारे जा रहा था , उसको यकीन ही नहीं हो रहा था की अनाया उससे मिलने आई है , जब से उसने अनाया को प्रपोज किया था ... तबसे वो तो उससे बात भी नहीं करना चाहती थी , वो तो उसको देखना भी न
फ्रेश हो कर अनाया उस फाइल को खोलती है तो , उसमें से उसे एक पेपर मिलता है ,,, जिसमे सायाद कुछ लिखा था । जिसे अनाया अभी भी अपनी आंखो से बस घूरे जा रही थी ,, उसका बस चलता तो वो ,, उस पेपर को अपनी आंखो से
ना चाहते हुए भी उसने... फोन की तरफ एक नज़र देखा,,,फोन पर ब्रो का नाम शो हो रहा था ...<div><br></div><div>उसने फोन उठाया तो उधर से उसने कुछ सुन बस इतना ही कहा ,,, ठीक है मैं कल सुबह वहां पहुंच जाऊंगा&n
अरे ... नहीं ! नहीं ! अनाया ये तो बहुत बड़े ,, वो कुछ बोलती तभी ,, निधि .. अनु चल .. चल ना यहां से हमे बहुत लेट हो रहा है ,, वो बोलते हुए उसे खींच कर ले जाती हैं !अनाया जाते हुए भी उसे घूर ही रह
उसके जाते ही दोनों हाईफाई देती हैं और दोनों हंसने लगती हैं !नीधि अनाया की खिंचाई करते हुए = क्या अनु तू तो उसको भगा ही दी यार ... ऐसे कौन करता है यार ....अनाया = हम ... और कौन ... बडी आई ,, मेरे नीधि
अनाया गुस्से में उसका हाथ झटकते हुए ,, हां हम एकदम ठीक है .. ये छोटी मोटी चोट से हमें फर्क नहीं पड़ता !एनी वे आपने हमे क्यों बुलाया ??अश्विन अपने आपसे बड़बड़ाया ,, कोई बात तो इस लड़की को माननी ह
नीधि उसके कंधे पर सर रखे हुए ही – हम्म !अनय – कुछ खाओगी ..???नीधि – हम्म ... अपने पसंद का कुछ भी मंगा लो ...________________इधर एक कमरे में एक आदमी बहुत बुरी तरीके से चिल्ला रहा था __ हम्का ना मारो ..
शालिनी जी – बेटा वो तो अभी नहीं आई ...नीधि – ठीक है आंटी ... जब आ जाए तो बता दीजिएगा उसे..... ( बोल कर कॉल कट कर देती हैं नीधि...)नीधि अपने आप से ..... ये कहां रह गईं अभी तक घर भी नहीं पहुंची ... फोन
नीधि खुद से _ वो खत... आंटी ये कौन से खत की बात कर रहीं थी ..... आखिर उस खत में ऐसा क्या लिखा था ?? मुझे उस खत के बारे में पता करना ही होगा...कोई ना आंटी से ही पता करने की कोशिश करती हूं.......... मेर
अनाया लेटी उन दोनो की बाते सोच सोच कर मुस्कुरा देती हैं.... सच कहें तो अनाया आज बहुत खुश थी....अनाया अपने मन में __ थैंक्यू महादेव आज इतनी बड़ी खुशी हमें देने के लिए.... देखिए ना महादेव.. जिसके हमे कब
तभी अश्विन के कानों में अनाया की आवाज़ गूंजी...कौन हो बे तुम लोग.. अनाया ने एकदम गुस्से से कहा...देख क्या रहे हो भाई लोगो.. उठा लो लड़की को... एक काले से आदमी ने कहा तो दूसरा आदमी आगे आया...अश्विन, अन