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इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स ने रेकॉर्ड्स होल्डर्स को किया सम्मानित

30 दिसम्बर 2017

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12 नवेंबर 2017 को दिल्ली के सिरी फ़ोर्ट अडिटोरियम में करीब हजरू रेकॉर्ड्स होल्डर्स को अपने अपने रेकॉर्ड्स के लिए सम्मानित किया गया इसमे पीयूष गोयल को भी उनके रेकॉर्ड भगवद् गीता को दर्पण छवि में व सुई से लिखी दुनिया के पहली पुस्तक मधुशाला को भी वर्ल्ड रेकॉर्ड के लिए पदक दे कर सम्मानित किया गया हैं.

पीयूष गोयल ने एक विश्वप्रसिध काम किया हैं उन्होने दुनिया की पहली हाथ से सुईं से किताब लिखी हैं.और उस किताब का नाम हैं 'मधुशाला" जिसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रेकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स, वर्ल्ड रेकॉर्ड असोसियेशन व वर्ल्ड रेकॉर्ड यूनिवर्सिटी ने ऑन्रारी डाक्टरिट डिग्री से सम्मानित किया हैं.

पीयूष गोयल अब तक 16 विश्वा प्रसिद्ध पुस्तके दर्पण छवि में लिख चुके हैं,अलग अलग तरीके से

1.श्रीमदभगवद् गीता (हिन्दी) ----पेन

2.श्रीमदभगवद् गीता (इंग्लीश)---पेन

3.श्रीदुर्गा सप्त्सत्ती(संस्कृत)-----पेन

4.सांई सतचरित्रा (हिन्दी) ----पेन

5..सांई सतचरित्रा (इंग्लीश) ----पेन

6 & 7.सुंदर कांड ( 2 बार)----पेन

8.रामचरित्रमानस ( केवल दोहा सोरठा और चोपेयी)----पेन

9. मधुशाला (सुई से)

10.गीतांजलि( मेहंदी से)

11.पीयूष वाणी(अल्यूमिनियम सीट)----कील से

12.पीयूष वाणी(पारदर्शी सीट पर)----फॅब्रिक कोन लाइनर से

13.पंचतंत्र----कार्बन पेपर से

14. मेरी इक्यावन कविता एँ---मॅजिक सीट पर लकड़ी के कलम से

15.चाणिक्या नीति--लकड़ी के कलम से

16.पीयूषवाणी-ग्लू और गम से लिखी

इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स ने रेकॉर्ड्स होल्डर्स को किया सम्मानित
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रचनाएँ
shreemadbhagwadgita
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  मिरर इमेज लिखने के शौक ने लिखवाई विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें दुनिया में एक से एक कलाकार मौजूद है जिनकी प्रतिभा देखकर लोग चमत्कार समझने लगते है। ऐसे ही एक कलाकार ने पांच तरह की पुस्तकों को लिखकर चौका दिया है। लेखक पीयूष गोयल ने उल्टे अक्षरों में गीता, सुई से मधुशाला, मेंहंदी से गीतांजलि, कार्बन पेपर से पंचतंत्र के साथ ही कील से पीयूष वाणी लिख डाली। पीयूष की इन किताबों को देखकर हर कोई हतप्रभ है।कला और दक्षता की कोई सीमा नहीं होती,रोज नई उपलब्‍धियां प्रकाश में आती रहती हैं, ऐसा ही दिलचस्‍प कारनामा किया है श्रीमती रविकांता एवं डॉ. दवेंद्र कुमार गोयल के बेटे पीयूष गोयल ने। उसने पंच प्रचलित पुस्‍तकें पंच तरीके से लिख डाली हैं। इनमें अध्‍यात्‍म दर्शन और कर्मफल संस्‍कृति को व्‍यापक और सहजता के साथ जनग्राही बनाने वाली भागवत गीता भी शामिल है।49 वर्षीय पीयूष गोयल अपने धुन में रमकर कुछ अलग करने में जुटे कि शब्दों को उल्टा लिखने में लग गए। इस धुन में ऐसे रमे कि कई अलग-अलग सामग्री से कई पुस्तकें लिख दीं। डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग का पढ़ाई करने वाले पीयूष गोयल का 2000 में एक्सीडेंट हो गया था। उन्हें इस हादसे से उबरने में करीब नौ माह लग गए। इस दौरान उन्होंने श्रीमद्भभगवद गीता को अपने जीवन में उतार लिया। जब वे ठीक हुए तो कुछ अलग करने की जिजीविषा पाले वे शब्दों को उल्टा (मिरर शैली) लिखने का प्रयास करने लगे। फिर अभ्यास ऐसा बना कि उन्होंने कई किताबें लिख दीं। गोयल की लिखीं पुस्तकें पढ़ने के लिए आपको दर्पण का सहारा लेना पड़ेगा। उल्टे लिखे अक्षर दर्पण में सीधे दिखाई देंगे और आप आसानी से उसे पढ़ लेंगे। पीयूष गोयल बताते हैं कि कुछ लोगों ने कहा कि आपकी लिखी किताबें पढ़ने के लिए शीशे की जरूरत होगी। कुछ ऐसा करें कि दर्पण की जरूरत न पड़े। इस पर पीयूष गोयल ने सुई से मधुशाला लिख दी। हरिवंश राय बच्चन की पुस्तक ‘मधुशाला’ को सुई से मिरर इमेज में लिखने में करीब ढाई माह का समय लगा। गोयल की मानें तो यह सुई से लिखी ‘मधुशाला’ दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर इमेज व सुई से लिखी गई है। उल्‍टे अक्षरों से लिख गई भागवत गीता ( Bhagwat Gita ) आप इस भाषा को देखेंगे तो एकबारगी भौचक्के रह जायेंगे। आपको समझ में नहीं आय
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पीयुष गोयल ने लिखी दुनिया की पहली दर्पण छवि में श्रीमद्भगवद्गीता

29 दिसम्बर 2017
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 मिरर इमेज लिखने के शौक ने लिखवाई विश्व प्रसिद्ध पुस्तकें..... मिताली गोयल दुनिया में एक से एक कलाकार मौजूद है जिनकी प्रतिभा देखकर लोग चमत्कार समझने लगते है। ऐसे ही एक कलाकार ने पांच तरह की पुस्तकों को लिखकर चौका दिया है। लेखक पीयूष गोयल ने उल्टे अक्षरों में गीता, सुई से मधुशाला, मेंहंदी से गीतांजल

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इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड्स ने रेकॉर्ड्स होल्डर्स को किया सम्मानित

30 दिसम्बर 2017
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12 नवेंबर 2017 को दिल्ली के सिरी फ़ोर्ट अडिटोरियम में करीब हजरू रेकॉर्ड्स होल्डर्स को अपने अपने रेकॉर्ड्स के लिए सम्मानित किया गया इसमे पीयूष गोयल को भी उनके रेकॉर्ड भगवद् गीता को दर्पण छवि में व सुई से लिखी दुनिया के पहली पुस्तक मधुशाला को भी वर्ल्ड रेकॉर्ड के लिए पदक दे

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