5 जनवरी 2022
ना कोई शक, ना कोई शिकवा,
फिर भी चारों ओर अंधेरा,
तब तक रहेगा इन्सान अकेला,
जब तक नहीं छोड़ेगा लगाना पहेरा।
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TeacherD
ना कोई शक, ना कोई शिकवा, फिर भी चारों ओर अंधेरा, तब तक रहेगा इन्सान अकेला, जब तक नहीं छोड़ेगा लगाना पहेरा।