shabd-logo

जय गणपति जय गणराजा

29 अक्टूबर 2021

17 बार देखा गया 17

जय गणपति, जय गौरीनंदन,

स्वीकारो, मेरा चरण वंदन।


हे एक दन्त, माथे मुकुट कुंदन,

सुनो व्यथा, करता मैं क्रंदन।


रक्षा करो, करो दुखों का मर्दन,

हाथ जोड़, करता अभिनन्दन।


जय गणपति, जय शिवनंदन,

स्वीकारो, मेरा चरण वंदन।


हे बप्पा, जीवन के नोदन,

हमसब मिल, करते वृंदन।


सर्वज्ञ, सर्वज्ञान प्रतिपादन,

विघ्नहरो, यही है प्रतिवेदन।


जय गणपति, जय उमानंदन,

स्वीकारो, मेरा चरण वंदन।

1
रचनाएँ
मेरी कुछ काव्य रचनाएं
0.0
मेरी कुछ काव्य रचनाएं

किताब पढ़िए