पता नहीं क्या-क्या लिखता हूँ, जो लिखता हूँ दिल से लिखता हूँ।
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मेरी कुछ काव्य रचनाएं
जय गणपति, जय गौरीनंदन, स्वीकारो, मेरा चरण वंदन। हे एक दन्त, माथे मुकुट कुंदन, सुनो व्यथा, करता मैं क्रंदन। रक्षा करो, करो दुखों का मर्दन, हाथ जोड़, करता अभिनन्दन। जय गणपति, जय शिवनंदन, स्व