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जालसाजी

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मुखड़े व अंतरे का मात्रा भार २२ तुकांत, आना"गीत"है बड़ी जालसाजी न सच का ठिकाना।हो सके तो सनम तुम कचहरी न जाना।।बात इतनी सुनो यारा दिल न दुखाना जा रहे तो जाओ पर घहरी न आना।। ....हो सके तो सनम तुम कचहरी न जानापाँव घिस जाएगा हुस्न पिट जाएगामान घट जाएगा ध्यान बट जाएगाबाँसुरी से

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