ज्योतिष में शनि देव को न्यायाधीश कहा जाता है। वे दण्डाधिकारी हैं और मनुष्य को उसके पाप और बुरे कार्यों के अनुसार दंडित करते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार शनि देव के कारण ही भगवान गणेश के सिर कटा। भगवान राम को भी शनिदेव के कारण ही वनवास जाना पड़ा। महाभारत काल में पांडवों को जंगल में भटकना पड़ा, उज्जैन के राजा विक्रमादित्य को कष्ट झेलने पड़े, राजा हरिशचंद्र दर-दर भटके और राजा नल और रानी दमयंती को जीवन में दुःखों का सामना करना पड़ा था। शनि देव को सूर्य पुत्र कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष में शनि को क्रूर व पापी ग्रह कहा गया है लेकिन यह सर्वाधिक शुभ फलदायी ग्रह भी है। शनि देव से व्यर्थ में डरना नहीं चाहिए।
मेरा नाम वैभव भारद्वाज है। मैं पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर, रैकी और लामा फेरा हीलर, सम्मोहन चिकित्सक, और स्पिरिचुअल क्षेत्र में काफ़ी वर्षो से कार्यरत हूं। मैं गाजियाबाद में रहता हूं। D