मंगल का मिथुन में गोचर सोमवार तेरह मार्च चैत्र कृष्ण षष्ठी को सूर्योदय से पूर्व पाँच बजकर तीन मिनट के लगभग गर करण और हर्षण योग में मंगल वृषभ राशि से निकल कर मिथुन राशि में प्रस्थान कर जाएगा | इस प्
बुध का मकर में गोचर मंगलवार सात फरवरी, फाल्गुन कृष्ण द्वितीया को प्रातः 7:29 के लगभग तैतिल करण और शोभन योग में बुद्धि तथा वाणिज्य का कारक बुध का मकर राशि में प्रविष्ट हो जाएगा | बुध इस समय उत्तराषा
सूर्य का मकर राशि में संक्रमण 2023 माघ कृष्ण अष्टमी यानी शनिवार चौदह जनवरी को रात्रि आठ बजकर पैंतालीस मिनट के लगभग भगवान भास्कर सिंह लग्न में गुरुदेव की धनु राशि से निकल कर महाराज शनि की मकर राशि म
सूर्य का सिंह में गोचर बुधवार 17 अगस्त भाद्रपद कृष्ण षष्ठी को प्रातः 7:24 के लगभग गर करण और गण्ड योग में सूर्यदेव अपने मित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि सिंह में और मघा न
16 मई को लगेगा साल का पहला 'चंद्र ग्रहण' डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत नई दिल्ली। वैशाख पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण है। चंद्र ग्रहण 16 मई 2022, सोमवार
श्रीमद्भागवत महापुराण के पांचवें स्कंद में लिखा है कि पृथ्वी के नीचे पाताल लोक है और इसके स्वामी शेषनाग हैं। भूमि से दस हजार योजन नीचे अतल, अतल से दस हजार योजन नीचे वितल, उससे दस हजार योजन नीचे सतल, इ
हमारी आँखें 3 आयामों तक देख सकती हैं। 1 = 1 की शक्ति; 2 = 4 की शक्ति; 3 = 27 की शक्ति। और 1x4x27 = 108। इस तरह से हमारी आंखें मायने रखती हैं।शिव पुराण तांडव (लौकिक नृत्य) में 108 करणों को योग, कलारिपय
1. मनुष्य के शरीर में सूर्य ग्रह-आँख, ह्रदय, हड्डी2. चन्द्र- मन, फेफड़ा, जल, रक्त3. मंगल- माँस, मज्जा4. बुध- बुद्धि, आवाज5. गुरु- मेदा, चर्बी6. शुक्र- आँख, वीर्य7. शनि- घुटना, नस8. राहु- हिंसक जन्तु, घ
1- सांप दिखाई देना- धन लाभ2- नदी देखना- सौभाग्य में वृद्धि3- नाच-गाना देखना- अशुभ समाचार मिलने के योग4- नीलगाय देखना- भौतिक सुखों की प्राप्ति5- नेवला देखना- शत्रुभय से मुक्ति6- पगड़ी देखना- मान-सम्मान
वाल्मीकि रचित रामायण (मतान्तर से) के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि (छोटी दीपावली) मंगलवार के दिन हनुमान का जन्म हुआ था।हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली हिन्दू कैलें
आइये जाने उन दस दिव्य और पवित्र पक्षीयों के बारे मैं जिनका हिंदू धर्म में बहुत ही महत्व माना गया है...हंस:- जब कोई व्यक्ति सिद्ध हो जाता है तो उसे कहते हैं कि इसने हंस पद प्राप्त कर लिया और जब कोई समा
वैदिक ज्योतिष में सप्ताह के सात दिनों के अनुसार प्रकृति और स्वभाव के बारे में बताया गया है। सप्ताह के इन सात दिनों पर ग्रहों का अपना असर होता है। यदि मनुष्य इन सात दिनों की प्रकृति और स्वभाव के अ
दस महाविद्याओं में सातवीं महाविद्या हैं माँ धूमावती। इन्हे अलक्ष्मी या ज्येष्ठालक्ष्मी यानि लक्ष्मी की बड़ी बहन भी कहा जाता है। ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष अष्टमी को माँ धूमावती जयन्ती के रूप में मना
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार सतयुग में महाविनाश उत्पन्न करने वाला ब्रह्मांडीय तूफान उत्पन्न हुआ, जिससे संपूर्ण विश्व नष्ट होने लगा इससे चारों ओर हाहाकार मच गया। कई लोग संकट में पड़ गए और संसार की रक
समस्त जगत जिस शक्ति से चलित है, उसी शक्ति की दस स्वरूप हैं ये दस महाविद्याएँ, जिनके नौवें क्रम में भगवती मातंगी का नाम आता है। भगवान शिव के मतंग रूप में उनकी अर्द्धांगिनी होने के कारण ही उनकी संज्ञा म
नाहक तु चिंता करे,मन मे करे सवाल है,तेरी चिंता कर रहा,शिव भोले महाकाल है ।क्युँकर सोच में बैठा है,गर आई भी विपदा भयंकर है,मंदिर में जाकर न खोजना,कंकड़ -कंकड़ में शंकर है l
#अथ_संध्योपासनविधि:_संध्या वंदन करने के लिए उपयोगी====== ( १ ) पवित्रीकरणम् ॐ अपवित्र: पवित्रो वेत्यस्य वामदेव ऋषि: विष्णुर्देवता गायत्रीच्छन्द: हृदि पवित्रकरणे विनियोग:। ॐ अपवित्र पवित्रो वा स
चन्द्रमा का प्रभाव, महत्त्व, फल तथा उपाय (विस्तृत विवरण)ऋग्वेद में कहा गया है कि ‘चन्द्रमा मनसो जातश्चक्षोः सूर्यो अजायत:।‘ अर्थात चंद्रमा जातक के मन का स्वामी होता है। मन का स्वा मी होने के कारण
आदि शक्ति पूजन में चौदह रात्रियों का महत्व1.दारुण रात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, जेष्ठ शुक्ल तृतीया, भाद्र मास की शुद्ध द्वादशी, तृतीया, चैत्र शुक्ल नवमी, कृष्ण पक्ष की अष्टमी, आषाढ़ शुक्ल दशमी, मार्गशी
अमावस्या के दिन क्यों होते हैं भूत-प्रेत सक्रियरहस्यमयी होती है अमावस्या, नकारात्मक शक्ति का अधिक प्रभाव रहता है। हिन्दू धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण के रहस्य को उजागर किया गया है। इसके अलावा