तंत्र_साधना
हिंदू धर्म में हजारों तरह की विद्याओं और साधनाओं का मेल है। साधना से सिद्धियां मिलती है। व्यक्ति सिद्धियां इसलिए प्राप्त करता है, क्योंकि या तो वो उससे सांसारिक लाभ प्राप्त कर सके या फिर आध्यात्मिक लाभ। साधना के चार प्रकार की होती है। तंत्र साधना, मंत्र साधना, यंत्र साधना और योग साधना। चारों ही तरह की साधना के बहुत प्रकार होते है।
तंत्र साधना क्या है?
तंत्र विद्या, साधना या तंत्र शास्त्र का नाम सुनते ही लोगों में एक अजीब का डर पैदा होने लगता है। लोगों ने इस विद्या या शास्त्र के प्रति एक अलग ही राय बना रखी है। लोग समझते है की
यह कोई भयानक विद्या या अघोरियों की साधना है। लेकिन ऐसा नहीं है
अघोर साधना अलग तरह से होती है और तंत्र साधना अलग तरह से होती है। तंत्र, मंत्र और यंत्र में तंत्र को सबसे पहले रखा गया है। तंत्र एक अनोखी विद्या है। हिन्दू धर्म के साथ ही बौद्ध और जैन धर्म में भी इस विद्या का इस्तेमाल किया जाता है।