सुनो! तुम सच बोल दिया करो.. हम मानते हैं कि सच सुनकर खफा होंगे, रूठेगे लेकिन विश्वास है ना हम दोनों के बीच। यह विश्वास सब समझा देगा ... तुम्हारे मैं को मेरे तुम को हम बना देगा। मन ही तो है, कभी उड़ता है, कभी डरता है। जैसे सूरज का तेज हर समय, हर दिन हर मौसम में एक जैसा नहीं होता है। जैसे चन्द