खामोशियों से दोस्ती कुछ गहरी है मेरी और इश्क के मामले में जिंदगी कुछ खास नहीं है मेरी जिंदगी में इश्क जिससे भी किया कमबख्त सब ने गलत ही समझा और किसी को समझाने से अच्छा है कि खुद ही समझ जाएं जिसको जिंदगी भर तुम साथ देने की सोचते हो वह इंसान अगर तुम्हें गलत समझे तो फिर उसको समझा दें कि हां भाई मैं ही गलत हूं तुम से ही हो क्योंकि सभी को यह हर बार बताना जरूरी नहीं की खामोश कल में एक आज भी जी रहा है जो तुम्हारे साथ पूरी जिंदगी देख रहा है और उस इंसान को तुम्हारी कदर ना हो तो फिर तुम उसके कभी करीब हुए ही नहीं और जिसको जो समझना था अब समझ लिया अब यह खामोश कलम से जुबान रहेगी कि किसी को इस दिल में जगह नहीं देंगे जिस तरह से जिंदगी गुजरी है ना खुद अंदर से टूटी हुई कलम हूं मैं और लिखने में कुछ खास नहीं क्योंकि खुद ही टूटा हूं मैं और सवालात कुछ इस कदर सामने आए हैं बिखर कर आंसू मेरी आंखों से समूह समंदर बनाए हैं और क्या बताऊं अपने बारे में कि खामोश कलमें में कुछ कहती नहीं सुनने वाला चाहिए यह रात भर अकेली हो या बड़ी करती हैं और किसी को अपना दर्द क्यों बताएं और जब से खामोशियों से दोस्ती हुई है एक्स कौन सा मेला है अक्सर टूटा तो मैं कई जगह से हूं पर कभी किसी को बताया नहीं कभी इश्क में धोखा कभी दोस्तों ने साथ छोड़ा तो कभी अपनों ने साथ छोड़ा और लिखने का शौक तो एक समान एसे था अब तो कल मैं खुद ब खुद लिखा करते हैं बस हाथों में आने दो इनको यह हर बार सच ही लिखा करते हैं और राजधार बड़े हैं इस जिंदगी में सब से बच कर रहना तुम्हारी कमियां बड़े लोग जानते हैं और अगर किसी दिन उन्होंने तुम्हारी कमियां देखकर तुम्हें अर्श से फर्श तक ना पहुंचाएं इस खामोश कलम को तोड़ देना तुम अगर किसी को ना जोड़ सको ना तो उसको तोड़ना भी कभी ना