कोयला खानों एवं दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी से होने वाली आय तीन लाख करोड़ रुपये के पार चली गई, जो इस तरह के संसाधनों के लिए कैग के अनुमान से कहीं अधिक है। हाल के वर्षों में कोयला ब्लाक आवंटन एवं स्पेक्ट्रम नीलामी के दो बड़े घोटाले उजागर करने को लेकर कैग सुखिर्यों में रहा।
सरकार उन्हीं कोयला ब्लॉकों की नीलामी कर रही है, जिनका आवंटन सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त किया गया था। ये दो घोटाले राजनीति के बड़े मुद्दे बने थे।
मौजूदा समय में चल रही कोयला ब्लॉकों की नीलामी से राजस्व प्राप्ति 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गई है जोकि कैग के 1.86 लाख करोड़ रुपये के घाटे के अनुमान से अधिक है। कैग ने संप्रग के कार्यकाल के दौरान नीलामी के बगैर कोयला ब्लॉकों के आवंटन के चलते सरकार को यह नुकसान होने का अनुमान जताया था।
कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, निरस्त किए गए 204 कोयला ब्लॉकों में से 32 कोयला ब्लॉकों की पारदर्शी तरीके से ई-नीलामी से संभावित राजस्व प्राप्ति 2.07 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई है, जिसमें नीलामी से राजस्व, रायल्टी एवं पेशगी भुगतान शामिल है। यह कैग के 1.86 लाख करोड़ रुपये के घाटे के अनुमान से कहीं अधिक है। कोयला ब्लॉकों की दूसरी खेप की नीलामी के आज पांचवें दिन दो खदानों- ओडिशा में उत्कल सी और झारखंड में लोहरी- से अनुमानित 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलने की उम्मीद है। इस दो लाख करोड़ रुपये से अधिक की संभावित प्राप्ति में पहली खेप में 19 खानों की बिक्री से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की प्राप्ति शामिल है।
सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी के आज पांचवें दिन की समाप्ति तक दूरसंचार कंपनियों की ओर से 94,000 करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हो चुकी हैं।
दूरसंचार विभाग ने कहा, ये बोलियां सभी बैंड्स के स्पेक्ट्रम के हैं। वर्तमान में, अस्थायी तौर पर जीते गए स्पेक्ट्रम के संदर्भ में बोली लगाने वालों की ओर से करीब 94,000 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई गई हैं। बिक्री के लिए अब भी स्पेक्ट्रम बचा है। बोली बुधवार को दोबारा शुरू होगी।
विभाग ने कहा कि आज सात दौर की बोलियां लगाई गईं और अभी तक 31 दौर की बोलियां लगाई जा चुकी हैं। सरकार ने 2जी और 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से कम से कम 82,000 करोड़ रुपये राजस्व हासिल करने का लक्ष्य शनिवार को ही पार कर लिया। शनिवार को बोलियों के चौबीस दौर के अंत में 86,000 करोड़ रपये मूल्य की बोलियां प्राप्त हुई थीं।
यदि इसी तेजी के साथ बोली लगना जारी रहता है तो सरकार को स्पेक्ट्रम की बिक्री से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व प्राप्ति हो सकती है। कोयला ब्लॉकों की चल रही नीलामी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए गोयल ने यह भी कहा कि इस नीलामी से 125 करोड़ भारतीय ‘बिजली की कम लागत’ से लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कोयला खान समृद्ध राज्यों को ‘लाखों करोड़ रुपये की अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति होगी।’ बिजली ईंधन की लागत 96,971 करोड़ रुपये कम हो जाएगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों के संदर्भ में बचत होगी।