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जमीन की राजनीती ..

25 फरवरी 2015

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featured imageएक क्लासिक केस देखिये..अन्ना के अनशन में शामिल अधिकतर किसान ग्रेटर नॉएडा..पलवल..टप्पल..भट्टा पारसौल के इलाके से हैं..मने वो किसान जो यमुना एक्सप्रेसवे के अधिग्रहण के वक़्त लड़े थे...अब गौर करते हैं राजनीति पर..तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती थीं..केंद्र में कांग्रेस थी..लेकिन फिर भी किसान जबरदस्ती अपनी जमीनो से बेदखल कर दिए..लाठियां पड़वायीं..गोलियां चलवाईं वो अलग..फिर मायावती सत्ता से बाहर हुईं अखिलेश आये..और उन्होंने बड़े धूम धाम से एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया..केंद्र में तब भी कांग्रेस थी..सबने अपने अपने अचीवमेंट में यमुना एक्सप्रेसवे के फोटो डाले.. अब जब..उसी जमीन से किसानों की आवाजें उठी हैं तो देखिये नेतृत्व किस के हाथ में हैं..मुलायम जी कह रहे हैं किसाओं के साथ धोखा है..मने जब पुत्तर जी उद्घाटन कर रहे थे तब नहीं था..मायावती भी यही कह रही हैं..मने जब किसानों पे गोलियां चलवा दी तब किसान याद नहीं आये..कांग्रेस पिछले 60 साल में नीति नहीं दे पायी तो उसका तो बोलना ही नहीं बनता.. अब तीसरे आये हैं..केजरीवाल जी..जो खुद इस वादे के साथ दिल्ली में आये हैं कि 500 स्कूल/यूनिवर्सिटी बनवायेंगे..दिल्ली का अपना पावर प्लांट बनवायेंगे..गरीबों को झुग्गी की जगह मकान देंगे..10000 में फ्री होल्ड प्लाट देंगे..नए उद्योगों को बढ़ावा देंगे..तो भैय्या ये बताओ इस सब के लिए जमीन क्या दुसरे गोला से लाओगे.. आज जहाँ पार्लियामेंट है वो भी कभी किसानों की जमीन रही होगी..जहां कनॉट प्लेस है वो भी..और तो और जहां जंतर मंतर है वो भी..जिन सड़कों पे हम चलते हैं..जिन फ्लैटों में हम रहते हैं..जिन कंपनियों में काम करते हैं..वो सब किसानों की ही जमीने थीं..aiims भी किसानों की जमीन पे बना है..IIT भी.. ..IGI एयरपोर्ट भी... तो कहने का मतलब है भैय्या..वही नियम आना चाहिए जो देश हित में हो....अन्ना के कंधे पे बन्दूक रख के मिशन विस्तार ग्रामीण आँचल तक ले जाने से आपका निजी भला हो सकता है..देश का नहीं..

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अमित द्विवेदी

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धन्यवाद योगिता जी..

2 मार्च 2015

योगिता वार्डे ( खत्री )

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बिलकुल सही कहा अमित जी....

27 फरवरी 2015

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जो मज़ा पाकिस्तान की हार में है

16 फरवरी 2015
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जो मज़ा पाकिस्तान की हार में , ना इश्क़ में ना प्यार में , ना मोटर में न कार में , ना दिल में ना दिलदार में , जो मज़ा पाकिस्तान की हार में , ना घर में ना बाजार में ,ना बाग़ में ना बहार में , ना 7 समंदर पर में , जो मज़ा पाकिस्तान की हार में , ना आम में

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जमीन की राजनीती ..

25 फरवरी 2015
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एक क्लासिक केस देखिये..अन्ना के अनशन में शामिल अधिकतर किसान ग्रेटर नॉएडा..पलवल..टप्पल..भट्टा पारसौल के इलाके से हैं..मने वो किसान जो यमुना एक्सप्रेसवे के अधिग्रहण के वक़्त लड़े थे...अब गौर करते हैं राजनीति पर..तब तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती थीं..केंद्र में कांग्रेस थी..लेकिन फिर भी किसान जबरदस्ती अपन

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समय का धन

9 मार्च 2015
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कल्पना कीजिये एक बैंक अकाउंट की जिसमे रोज सुबह आपके लिए कोई 86,400 रुपये जमा कर देता है । लेकिन शर्त ये है की इस अकाउंट का बैलेंस कैरी फॉरवर्ड नहीं होगा, यानि दिन के अंत में बचे पैसे आपके लिए अगले दिन उपलब्ध नहीं रहेंगे । और हर शाम इस अकाउंट में बचे हुए पैसे आपसे वापस ले लिए जाते हैं। ऐसे सिचुएशन मे

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कोयला, स्पेक्ट्रम नीलामी

10 मार्च 2015
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कोयला खानों एवं दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी से होने वाली आय तीन लाख करोड़ रुपये के पार चली गई, जो इस तरह के संसाधनों के लिए कैग के अनुमान से कहीं अधिक है। हाल के वर्षों में कोयला ब्लाक आवंटन एवं स्पेक्ट्रम नीलामी के दो बड़े घोटाले उजागर करने को लेकर कैग सुखिर्यों में रहा। सरकार उन्हीं कोयला ब्लॉक

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कनपुरियों की कथा

1 अप्रैल 2015
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कनपुरियों की कान कान काटने वाली कथा … ''कानपुर इस द बेस्ट'' बिल गेट्स ने अपने माइक्रोसॉफ्ट के कनाडा के बिज़नेस के लिए चेयरमैन की जॉब लिए एन इंटरव्यू रखा... इंटरव्यू के लिए 5000 लोग एक बड़े होल में इकट्ठा हुए... इन सब में एक कैंडिडेट कानपुर से भी थे... नाम था 'गमलाराम’ बिल गेट्स: इंटरव्यू में आने के

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